मन की बात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सितंबर के आखिरी सप्ताह के आखिरी रविवार को रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 114वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 10 साल पूरे होने पर भी बात की। उन्होंने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। ‘मन की बात’ में एक बार फिर हमें जुड़ने का अवसर मिला है। आज का ये एपिसोड मुझे भावुक करने वाला है, मुझे बहुत सी पुरानी यादों ने घेर रखा है। कारण ये है कि ‘मन की बात’ की हमारी इस यात्रा को 10 साल पूरे हो रहे हैं।
10 साल पहले ‘मन की बात’ का प्रारंभ 3 अक्तूबर को विजयादशमी के दिन हुआ था और ये कितना पवित्र संयोग है, कि इस साल 3 अक्तूबर को जब ‘मन की बात’ के 10 वर्ष पूरे होंगे, तब नवरात्रि का पहला दिन होगा। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ की इस लंबी यात्रा के कई ऐसे पड़ाव हैं, जिन्हें मैं कभी भूल नहीं सकता। ‘मन की बात’ के करोड़ों श्रोता हमारी इस यात्रा के ऐसे साथी हैं, जिनका मुझे निरंतर सहयोग मिलता रहा। देश के कोने-कोने से उन्होनें जानकारियां उपलब्ध कराईं। ‘मन की बात’ के श्रोता ही इस कार्यक्रम के असली सूत्रधार हैं।
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं आज दूरदर्शन, प्रसार भारती और ऑल इंडिया रेडियो से जुड़े सभी लोगों की भी सराहना करूंगा। उनके अथक प्रयासों से ‘मन की बात’ इस महत्वपूर्ण पड़ाव तक पहुंचा है। मैं विभिन्न टीवी चैनल्स को, रीजनल टीवी चैनल्स का भी आभारी हूं, जिन्होनें लगातार इसे दिखाया है। ‘मन की बात’ के द्वारा हमने जिन मुद्दों को उठाया, उन्हें लेकर कई मीडिया हाउस ने मुहिम भी चलाए। मैं प्रिंट मीडिया को भी धन्यवाद देता हूं कि उन्होनें इसे घर-घर तक पहुंचाया। मैं उन यूट्यूबर्स को भी धन्यवाद दूंगा, जिन्होनें ‘मन की बात’ पर अनेक कार्यक्रम किए।’
उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ की 10 वर्ष की यात्रा ने एक ऐसी माला तैयार की है, जिसमें हर कार्यक्रम के साथ नई गाथाएं, नए कीर्तिमान, नए व्यक्तित्व जुड़ जाते हैं। हमारे समाज में सामूहिकता की भावना के साथ जो भी काम हो रहा हो, उन्हें ‘मन की बात’ के द्वारा सम्मान मिलता है। मेरा मन भी तभी गर्व से भर जाता है, जब मैं ‘मन की बात’ के लिए आई चिट्ठियों को पढ़ता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ ने साबित किया है कि देश के लोगों में सकारात्मक जानकारी की कितनी भूख है। सकारात्मक बातें, प्रेरणा से भर देने वाले उदाहरण, हौसला देने वाली गाथाएं, लोगों को बहुत पसंद आती हैं। जैसे एक पक्षी होता है ‘चकोर’, जिसके बारे में कहा जाता है कि वो सिर्फ वर्षा की बूंद ही पीता है। ‘मन की बात’ में हमने देखा कि लोग भी चकोर पक्षी की तरह देश की उपलब्धियों को, लोगों की सामूहिक उपलब्धियों को, कितने गर्व से सुनते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि 2 अक्तूबर को ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के 10 साल पूरे हो रहे हैं। यह अवसर उन लोगों के अभिनंदन का है, जिन्होंने इसे भारतीय इतिहास का इतना बड़ा जन-आंदोलन बना दिया। ये महात्मा गांधी को भी सच्ची श्रद्धांजलि है, जो जीवनपर्यंत, इस उद्देश्य के लिए समर्पित रहे। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को लेकर जारी अभियान से हमें ज्यादा-से- ज्यादा लोगों को जोड़ना है, और यह एक अभियान, किसी एक दिन का, एक साल का, नहीं होता है, यह युगों-युगों तक निरंतर करने वाला काम है। यह जब तक हमारा स्वभाव बन जाए ‘स्वच्छता’, तब तक करने का काम है।