वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे: 8 सितंबर को हर साल वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को फिजियोथेरेपी के महत्व के बारे में जागरूक करना है। फिजियोथेरेपी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से राहत प्रदान करती है और इसके लिए दवाओं की आवश्यकता नहीं होती।शरीर को स्वस्थ रखने और दर्द कम करने के लिए डॉक्टर अक्सर फिजियोथेरेपी की सलाह देते हैं। इससे कई शारीरिक समस्याएं हल होती हैं। हर साल की तरह विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर इस वर्ष की थीम ‘कम पीठ दर्द’ है। फिजियोथेरेपी न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी मजबूत बनाती है।
घंटों बैठकर काम करने, बैठने का खराब मुद्रा, फर्नीचर का डिजाइन सहित दूसरे कारणों से 90 फीसदी लोग पीठ दर्द से परेशान हैं पर दर्द के पीछे का कारण पता नहीं है। लंबे समय तक दर्द बना रहना गंभीर हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना आम बात है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है। हर कोई अपने जीवन में किसी न किसी समय इसका अनुभव करता है। लेकिन कुछ लोगों में यह समस्या तीन महीने से अधिक समय तक बना रहा सकता है। ऐसा होने पर सचेत होने की जरूरत है। लंबे समय तक बना दर्द दिव्यांगता का कारण बन सकता है।
वैश्विक आधार का डाटा बताता है कि 13 में से एक व्यक्ति में गंभीर काम के लिए समय तक बैठने, खराब मुद्रा, फर्नीचर का डिजाइन सहित दूसरे कारण बढ़ा रहे मर्ज है। साल 1990 के बाद से पीठ दर्द की समस्या 60 फीसदी तक बढ़ गई।
इन कारणों से हो सकता है पीठ दर्द की समस्या
चोट लगने, मांसपेशियों में खिंचाव, खराब मुद्रा, डिस्क समस्या, ऑस्टियोआर्थराइटिस, साइटिका, अनियमित शारीरिक गतिविधि, मोटापा, ऑस्टियोपोरोसिस, मानसिक तनाव
बचाव के लिए क्या करें….
पीठ के निचले हिस्से में दर्द से राहत के लिए व्यायाम मददगार, आराम करने से राहत नहीं मिलती, सक्रिय रहना जरूरी, कमर दर्द से बचने के लिए बिना डरे चलना, व्यायाम के बाद दर्द महसूस हो तो आराम न करें
आपको बता दें कि विश्व फिजियोथेरेपी संगठन, जिसे World Confederation of Physical Therapy के नाम से जाना जाता है, एक ऐसा निकाय है जो वैश्विक स्तर पर सभी फिजियोथेरेपिस्टों का प्रतिनिधित्व करता है। इसकी स्थापना 8 सितंबर 1951 को हुई थी। इसके शुरुआतबाद, 8 सितंबर 1996 को विश्व फिजियोथेरेपी दिवस की की गई। तब से, यह दिवस हर वर्ष बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।