असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने एक बड़ा बयान दिया है। शनिवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में दो से अधिक बच्चों के माता-पिता को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रखा जा सकता है। उन्होंने साफ किया कि सरकार ‘दो बच्चों की नीति’ को चरणबद्ध तरीके से लागू करेगी और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेने में इसे लागू किया जाएगा। उनके इस फैसले की विपक्ष ने आलोचना की है।
मीडिया से बात करते हुए हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ‘हम सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए धीरे-धीरे दो बच्चों की नीति अपनाएंगे। आप इसे एक घोषणा मान सकते हैं। ऋण माफी हो या अन्य सरकारी योजनाएं, जनसंख्या मानदंडों को ध्यान में रखा जाएगा। यह चाय बागान श्रमिकों/एससी-एसटी समुदाय पर लागू नहीं होगी। भविष्य में, जनसंख्या मानदंडों को सरकारी लाभों के लिए पात्रता के रूप में शामिल किया जाएगा। जनसंख्या नीति शुरू हो गई है। स्कूलों और कालेजों में मुफ्त नामांकन या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान देने में इसे लागू नहीं किया जा सकता।’
विपक्ष की आलोचना का सीएम ने दिया जवाब
विपक्ष ने मुख्यमंत्री सरमा के इस ऐलान की आलोचना की है। विपक्ष ने कहा कि सरमा पांच भाईयों वाले परिवार से आते हैं और यह नियम बिल्कुल गलत है। सरमा ने इसका जवाब देते हुए कहा, ‘1970 के दशक में हमारे माता-पिता या दूसरे लोगों ने क्या किया इस पर बात करने का कोई तुक नहीं है। विपक्ष ऐसी अजीबोगरीब बातें कह रहा है और हमें 70 के दशक में ले जा रहा है।’