लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय की तरफ से सार्वजनिक स्थलों पर होने वाले यौन उत्पीड़न के विषय पर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य ट्रेनर ब्रेकथ्रू के सुभम सिंह चौहान ने कहा कि हमें एक ऐसी दुनिया की आवश्यकता है, जहाँ सभी सम्मान, समानता और बराबरी से रह सके। यौन उत्पीड़न को किस-किस प्रकार से हम अनुभव करते है इस बारे में प्रतिभागियों से चर्चा की। सुभम ने यौन उत्पीड़न को रिकॉर्ड करने के लिए भी सुझाव दिए। इस विषय पर विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित किए जा रहे कार्यशाला एवं व्याख्यान से प्रतिभागियों को निश्चित ही इसका लाभ मिलेगा।

डीन विधि संकाय लविवि प्रो. सी.पी. सिंह ने बताया कि इस कार्यशाला में सार्वजनिक स्थल पर होने वाले यौन उत्पीड़न से पड़ने वाले विभिन्न प्रभावों जैसे मनोवैज्ञानिक और मानसिक स्वास्थ्य; सामाजिक और आर्थिक प्रभावों पर व्याख्यान दिया गया और चर्चा करी गई। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में देश के विभिन्न हिस्सों से विद्यार्थियों, अध्यापक, प्रोफेशनल, रिसर्च स्कॉलर आदि लोगों ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया। इस प्रशिक्षण कार्यशाला की समन्‍वयकर्ता विधि संकाय लविवि की असिस्टेंट प्रोफेसर रिचा सक्सेना ने कहा कि इस कार्यशाला को कराने का हमारा उद्देश्य ये है कि प्रतिभागी उत्पीड़न के वह कारण समझ सकें जिस पर लोग कुछ प्रतिक्रिया नहीं करते या उससे उत्पीड़न नहीं समझते। इस प्रशिक्षण कार्यशाला के संयोजक विधि संकाय छात्र लविवि के शिशिर यादव थे, जिन्होंने इसे आयोजित कराने में मुख्य भूमिका निभाई।

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