बिजनौर से हर्ष राजपूत की रिपोर्ट

बिजनौर – क्षेत्र में खनन का काला कारोबार रात के अंधेरे में धड़ल्ले से चल रहा हैं। सरकार के हर दावों का खनन माफिया दम निकालते हुए नजर आ रहे है। रात के अंधेरे में माफिया खनन के कारोबार को किस तरह अंजाम दे रहे हैं। इन तस्वीरों से अंदाजा लगा सकते है। दरअसल मामला थाना नजीबाबाद इलाके से जुड़ा है जंहा रात के अंधेरे में खनन माफिया किस तरह से प्राकृतिक सम्पदाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं। ये बताने के लिए केवल तस्वीरे ही काफी।

दिन का उजाला हो या रात का अंधेरा इन खनन माफियाओं पर इसका कोई असर नही पड़ता। ऐसे आरोप लग रहे हैं कि ये सब तहसील प्रशासन और स्थानीय पुलिस के संरक्षण में हो रहा है। सूत्रों की माने तो स्थानीय दलाल की शंय से अधिकारियों तक मोटी साठगांठ का खेल होता है। जिस वजह से अखबारों मे आए दिन खबर प्रकाशित होने पर भी अधिकारी कार्यवाही करने से बचते नजर आते है। क्षेत्र मे दलाल इतने सकि्य है कि मिट्टी खनन माफियाओं से मोटी साठगांठ करके काम चलवाने मे माहिर है।

आपको बता दे कि नजीबाबाद क्षेत्र के साहनपुर इलाके में रात होते ही ट्रैक्टर ट्राली अवैध खनन में सड़क पर दौड़ने लगते है। वही सूत्रों की माने तो क्षेत्र के खनन माफियाओ ने मिट्टी के खनन से अपना काला साम्राज्य बसा लिया । कुछ मिट्टी खनन माफियाओं ने तो जमीनों पर अवैध कब्जा भी कर रखा है।आपको बताते चले कि इन माफियाओं का यह हाल है कि ना तो इन्हें सरकार का डर है ना ही किसी अधिकारी इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन माफियाओं के कितने हौसले बुलंद है ।

वही क्षेत्र मे खनन माफियाओ के खनन के कारण एक्सीडेंट की घटना भी होती रहती है। वही जिले भर उच्चधिकारी इन खनन माफियाओं पर लागाम लगाने मे एक दम अहसाहय नजर आ रहे है। जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आपने प्रदेश को अपराध मुक्त हो या अवैध कार्य मुक्त बनाने के लिए प्रदेश के उच्च अधिकारियों से वाताँ करते रहते है। वही कई जिलो मे उच्च अधिकारियों पर उनकी किसी नसीहत का कोई असर होता नही दिख रहा है।

जिसका एक जीता जागता उदाहरण नजीबाबाद क्षेत्र है जहां खनन माफियाओ के हौसले इतने बुलंद है कि बैखोफ होकर मिट्टी का अवैध खनन किया जा रहा है।वही अगर कोई उच्च अधिकारियों से शिकायत करता है तो उच्च अधिकारी उस पर कोई कार्यवही नही करते है। सूत्रों की माने तो तहसील स्तर पर दलालों की भी कोई कमी नही है। वही दलाल ही जो खनन माफियाओं की अधिकारियों से साठगांठ मोटे स्तर पर कराता है। आपको बताते चले कि दलालो के हौसले पर माफिया काम करते है।

इसी वजह से अवैध खनन काम नजीबाबाद क्षेत्र मे जोरो से पैर पासार रहा है। आए दिन अखबारों मे अवैध खनन के समाचार प्रकाशित होने के बावजूद भी अधिकारी इन खनन माफियाओं पर कोई कार्यवाही नही कर पाते है। इससे तो यही साफ मालूम होता कि ठेकेदारों से अधिकारियों की साठगांठ हु्ई होती है। सूत्रों की माने तो अगर कोई तहसील स्तर पर करता है तो अधिकारी यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते कि यह खनन अधिकारी करेंगे। सूत्रो के अनुसार माफियाओं की साठगांठ दलालों से शुरु होते हुए कमँचारियो तक पहुचती है। माह के लगे बधे होते है।

फिर वही जाकर वह अधिकारी तक जाती है। मिट्टी के अवैध खनन की खबर अखबार मे प्रकाशित होने के बाद भी अधिकारियों की आँख नही खुल पाती है। जिससे यह साफ मालूम होता है। मिट्टी के खनन माफियाओं को पैदा करने मे प्रशासन का अहम रोल होता है। सूत्रों की मानने तो अवैध मिट्टी का खनन साहनपुर क्षेत्र मे इलाके मे रात्रि मे जोरों से चल रहा है।

 

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