यूपी: उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में आई बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गंगा, गोमती, शारदा समेत कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चस्तरीय बैठक में बाढ़ प्रभावित इलाकों की समीक्षा करते हुए कहा कि बाढ़ आपदा सहायता और संवेदना का समय है। उन्होंने पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के साथ चौबीस घंटे में मुआवजा देने के निर्देश दिए। बाढ़ पीड़ितों के साथ सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को शिष्टता से पेश आने की नसीहत दी।
बाढ़ प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि बाढ़ से अब तक 20 जनपदों की 69 तहसीलों के 1571 गांव के अलावा बरेली, पीलीभीत व शाहजहांपुर के शहरी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। इसका असर 14.80 लाख नागरिकों पर पड़ा है। इनमें से 5.29 लाख व्यक्ति ऐसे हैं, जिनकी सम्पत्तियों (खेती, मकान, गृहस्थी और पशु) को नुकसान पहुंचा है।
बता दे कि उत्तर प्रदेश में गंगा, गोमती और घाघरा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। रामगंगा, गर्रा, खनौत, राप्ती, बूढ़ी राप्त, कानो, शारदा नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। लखीमपुर खीरी से लेकर बलरामपुर, अयोध्या, उन्नाव और बलिया, बस्ती समेत 20 जिलों के करीब 900 गांव अब भी बाढ़ की चपेट में हैं। बलिया में घाघरा नदी के कटाव के कारण 13 गांव पानी में डूबे हुए हैं। वाराणसी में 48 घंटे में गंगा नदी का जल स्तर दो मीटर तक बढ़ा है। इस तरह उत्तर प्रदेश में बाढ़ से हालात लगातार मुश्किल होते जा रहे हैं।