रिजर्व बैंक ने वाहन ईंधन पर ऊंचे अप्रत्यक्ष करों के मुद्रास्फीति प्रभाव को लेकर चिंता जताई है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि इस मुद्दे पर फैसला सरकार को करना है। उल्लेखनीय है कि पेट्रोल, डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से आम लोग परेशान हैं। दास ने द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की घोषणा के अवसर पर दूसरी बार सार्वजनिक तौर पर इस मुद्दे को लेकर चिंता जताई है।

पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में भी उन्होंने वाहन ईंधन कीमतों को लेकर चिंता जताई थी। गौरतलब है कि पिछले साल वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट के बाद सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर शुल्कों और उपकर में भारी बढ़ोतरी की थी। इससे सरकार के राजस्व संग्रह में काफी वृद्धि हुई है। इस समय देश में पेट्रोल 100 रुपए के पार हो चुका है। वहीं डीजल शतक के करीब है।

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