उन्नत किस्म विकसित: पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर किसानों को सरसों की ‘0031’ किस्म की बीज उपलब्ध कराए गए हैं। जो कि ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक के खतरों को कम करेगी, इस सरसों की उन्नत किस्म पूसा ‘0031’ इस साल बंपर उपज देगी। राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ नरेंद्र सिंह ने बताया सरसों के तेल में हानिकारक वसा वाले अम्ल इस किस्म में न के बराबर हैं।
पिछले साल देश में 70 लाख हेक्टेयर में सरसों की खेती हुई थी। इस बार लगभग 10,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर सरसों के इस बीज का प्रयोग किसानों द्वारा किए जाने का संभावना है। हालांकि पीएम ने हाल ही में इसकी उन्नत किस्म पूसा मस्टर्ड ‘0033’ को भी विकसित कर राष्ट्र को समर्पित किया है। लेकिन यह उत्पादन के लिए अगले साल से बाजार में उपलब्ध होगा।
यह बीज पौष्टिकता के साथ ही स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहतर है। इसमें कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने वाले इरुसिक एसिड की मात्रा और ग्लूकोसिनोट्स की मात्रा सामान्य सरसों के बीज में पाए जाने वाले मानकों से काफी कम हैं। जहां सामान्य सरसों बीज में इरुसिक एसिड की मात्रा 45 फीसदी और ग्लूकोसिनोट्स की मात्रा 120 पीपीएम होती है, वहीं सरसों की ‘0031’ किस्म में इन दोनों तत्वों की मात्रा को बेहद कम किया गया है।
राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ नरेंद्र सिंह ने बताया कि इस किस्म को विकसित करने में आठ वर्ष की कड़ी मशक्कत लगी है। इस किस्म को 2017 में ही राष्ट्र को समर्पित किया गया था, लेकिन पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण की मार के चलते इस साल ही इसके व्यावसायिक प्रयोग को सुव्यवस्थित किया गया है।
