गोरखपुर: मंगलवार को गोरखपुर की जिन विकास परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ है, जिसमे खाद कारखान भी है उसका लाभ पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार, झारखंड के साथ ही नेपाल तक के लोगों व किसानों तक को मिलेगा।
लोकार्पण के साथ ही खाद कारखाने में उत्पादन शुरू हो गया। पहले दिन 500 मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन किया गया। शंख ध्वनि के बीच मंगलवार दोपहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही बटन दबाकर कारखाने का उद्घाटन किया चिमनियों ने धुआं उगलना शुरू कर दिया।
सालाना 12.7 लाख मीट्रिक टन नीम लेपित यूरिया उत्पादन की क्षमता वाला गोरखपुर खाद कारखाना वायु को प्रदूषित भी नहीं करेगा। जापानी कंपनी टोयो जापान एवं टोयो भारत प्राइवेट लिमिटेड का यह संयुक्त उपक्रम पर्यावरण अनुकूल प्राकृतिक गैस पर आधारित है। पूर्व का खाद कारखाना कोयले पर आधारित था, जिससे रोजाना लाखों घन मीटर जहरीली गैसों का उत्सर्जन होता था।
कोयला दहन भारत में अत्यधिक वायु प्रदूषण के लिये जिम्मेदार रहा है। कोयले के जलने से पारा, सीसा जैसी भारी धातुओं का भी प्रदूषण फैलता है। इनसे अस्थमा, सांस लेने में कठिनाई, मस्तिष्क क्षति, हृदय संबंधी समस्याएं, कैंसर, तंत्रिका तंत्र संबंधी विकार और समय से पहले मृत्यु तक हो सकती है। इन्हीं सब को नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री की पहल के बाद गोरखपुर में प्राकृतिक गैस आधारित खाद कारखाना लगाया गया।
