Indian Air Force Day: देश की पहली महिला फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनी शिवांगी के पिता कुमारेश्वर सिंह का कहना है कि माता-पिता के लिए जीवन में सबसे बड़ी उपलब्धि होती है उसकी संतान की कामयाबी। राफेल उड़ाने वाली बनारस की बेटी शिवांगी के फुलवरिया स्थित मकान पर पिता कुमारेश्वर सिंह ने बताया कि कोविड काल के दौरान लॉकडाउन के बाद अंतिम बार बेटी शिवांगी घर आई थी।

वाराणसी में स्कूलिंग के बाद उच्च शिक्षा के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) पढ़ने गई थीं। बीएचयू में ही वह नेशनल कैडेट कोर में 7 यूपी एयर स्क्वाड्रन का हिस्सा थीं। बीएचयू से 2013 से 2015 तक एनसीसी कैडेट रहीं। साथ ही सनबीम भगवानपुर से बीएससी किया। शिवांगी दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में 2013 में उत्तर प्रदेश टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। उन्होंने 2016 में प्रशिक्षण के लिए वायु सेना अकादमी ज्वाइन की थी।

ट्रेवल का बिजनेस करने वाले कुमारेश्वर सिंह ने बताया कि देश सेवा का जज्बा शिवांगी की रगों में है। उनके नाना भी आर्मी में थे। शिवांगी ने जब चलना सीखा उसके कुछ समय बाद से ही आकाश में परवाज भरने की ठान ली।  वायु सेना में लेफ्टिनेंट शिवांगी की कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय ने उसे आज उस सफलता के मुकाम पर खड़ा किया है।

प्रदेश की पहली महिला फाइटर पायलट बनी शिवांगी के लिए फाइटर प्लेन उड़ाने का ख्वाब पूरा करना आसान नहीं था। बावजूद इसके शिवांगी ने न सिर्फ अपना सपना पूरा किया बल्कि दूसरी लड़कियों के लिए भी नजीर भी बनीं।

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