मगरमच्छ के मौत के मामले में, अज्ञात ग्रामीणों पर मुकदमा दर्ज।
सन्दीप मिश्रा
रायबरेली। दस दिन से लगातार मगरमच्छ पकड़ने क़ी गुहार लगाने वाले ग्रामीणों क़ी सुनवाई तो कही नही हुई किन्तु घर में घुस आने पर ग्रामीणों द्वारा बचाव में मगरमच्छ क़ो अधमरा करने एवं बाद में उसकी मौत हो जाने से हरकत में आए वनविभाग ने गैर जमानती धाराओं में 20-22 अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया हैं। जिस पर ग्रामीणों में रोष दिख रहा।
बताते चले क़ी मंगलवार क़ी देर रात नहर से निकल मगरमच्छ ने पूरे जुड़ई मजरे चंदापुर गांव के रामसजीवन के घर पडीया क़ो निशाना बना दिया, कोलाहल सुन जगने पर घर मालिक ने मगरमच्छ क़ो अपने सामने पाया। जिस पर शोर मचाने पर मगरमच्छ धान के खेत में घुस गया। इस बीच कही सुनवाई ना होने एवं जान पर बन आई देख ग्रामीणों ने मगरमच्छ क़ो अधमरा कर वनविभाग क़ो सुपुर्द कर दिया। जिसकी बुधवार क़ो लखनऊ ले जाते समय मौत हो गयी। मौत से हरकत में आए वनविभाग ने अपनी निद्रा तोड़ वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम क़ी धारा 9/51 के तहत (गैर जमानती) ग्रामीणों पर मुकदमा दर्ज कर दिया। जिसकी विवेचना एसीएफ पद रिक्त होने पर डीएफओ सुरेश चंद्र पाण्डेय द्वारा क़ी जा रही। सवाल तो इस बात का हैं क़ी यदि इतनी ही तत्परता विभागीय अधिकारी पकड़ने में दिखाते तो भय के साए तले जी रहे ग्रामीणों क़ो मगरमच्छ क़ो मारने क़ी नौबत ही ना आती। मामले में आक्रोशित ग्रामीणों का कहना हैं क़ी नोडल अधिकारी, सीडीओ, एसडीएम सहित वन विभाग के सभी अधिकारियों क़ो डीह रजबहे में मगरमच्छ होने क़ी जानकारी दी गयी किन्तु बेसुध विभाग द्वारा कोई कदम नही उठाया गया। वन विभाग क़ी इस कार्यवाही क़ो अपनी लापरवाही छुपा, तोहमत ग्रामीणों के सिर मढ़ने के नजरिए से देखा जा रही, जिसकी क्षेत्र में कड़ी आलोचना हो रही। फिलहाल वनविभाग क़ी इस दमनात्मक कार्यवाही क़ो लेकर लोगो में उबाल नजर आ रहा।
