सन्दीप मिश्रा
रायबरेली
रायबरेली: रायबरेली ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों राजनीतिक सरगर्मी पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई हैं क्योंकि एक वायरल वीडियो में ऊंचाहार विधायक डॉ मनोज कुमार पांडेय पर प्रधानमंत्री और वहां की जनता को अपशब्द कहने का विवाद मचा हुआ है । जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी गोटियां बैठाने में जुटी हैं। क्योंकि डॉक्टर मनोज कुमार पांडेय दो बार से लगातार ऊंचाहार से विधायक हैं और सपा सरकार में पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं ।
आज इसी प्रकरण को लेकर डॉ मनोज कुमार पांडेय ने एक स्थानीय होटल में प्रेस वार्ता की। जिसमें उन्होंने कहा कि ऊंचाहार पट्टी कैथवल के मनरेगा भ्रष्टाचार में फंसे प्रधान को देश के भगोड़े नीरो मोदी से तुलना करने पर लोगों में छटपटाहट क्यों हो रही है । उन्होंने कहा कि जनता के द्वारा हमें लगातार आशीर्वाद मिल रहा है। जनादेश और मेरी बढ़ती हुई लोकप्रियता से हताश विपक्ष आज तरह तरह की झूठी मनगढ़ंत और साजिशें रखकर हमारी छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रही है ।
उन्होंने कहा कि 4 दिन पूर्व कैथवल गांव के एक पुरवा में वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठे थे। तभी गांव के कुछ लोगों ने आकर बताया की प्रधान ने जैसे पहले लोगों के मनरेगा के पैसे को स्वंम मशीन में अंगूठा लगवा कर निकाल लिया था । उसी प्रकार हम लोगों का पैसा वर्तमान प्रधान ने निकलवा लिया और हम लोगो को नहीं दिया। क्योंकि उक्त प्रधान के विरुद्ध स्टेट टीएसी की जांच संख्या 793/ मनरेगा /,टीएसी के द्वारा हुई जांच में मनरेगा के कार्यों में भारी भ्रष्टाचार पाया गया व शासन के निर्देश पर उसके विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 18 /2021के तहत धारा 420 व 25 महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार अधिनियम 2005 में रिपोर्ट ऊंचाहार थाने में दर्ज हुई थी।
यही नहीं बल्कि टीएसी ग्राम विकास अयोध्या मंडल एवं प्राविधिक परीक्षक ग्राम विकास लखनऊ मंडल द्वारा उक्त प्रधान के किए गए भ्रष्टाचार की वांछित धनराशि की वसूली मनरेगा अधिनियम के अंतर्गत किये जाने का निर्देश हुआ था। उन्होंने कहा जहां तक सोशल मीडिया पर वायरल की गई वीडियो की बात है तो उसके पहले और अंत के भाग को एडिट व छेड़छाड़ कर कूट रचित एवं भ्रामक बना कर डाला गया है । वह सरासर झूठा और गलत है उन्होंने कहा उक्त वीडियो में ना ही मेरे द्वारा किसी व्यक्ति विशेष नाम जाति का उल्लेख किया गया और जो आईटी एक्ट में मेरे विरुद्ध थाना ऊंचाहार में मुकदमा दर्ज कराया गया है उसमें भी स्पष्ट रूप से प्राथमिक f.i.r. में उल्लेख किया गया है कि मेरे द्वारा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है ।
जबकि एडिट और कूट रचित वायरल वीडियो में कहीं पर प्रधानमंत्री का नाम व पद दायित्व का उल्लेख नहीं है। पूर्व मंत्री डॉ मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि क्या मात्र किसी सरनेम से किसी व्यक्ति के पद एवं उसके नाम को जोड़ा जा सकता है । डॉक्टर पांडेय ने प्रश्न किया कि क्या कोई व्यक्ति मात्र पांडेय सर नेम लिखकर कोई टिप्पणी करें तो क्या पुलिस मेरे द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र पर एफ आई आर दर्ज कर लेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने बिना पूर्ण वीडियो को प्राप्त किए हुए आखिर की जल्दबाजी में मेरे विरुद्ध मुकदमा कैसे दर्ज कर लिया। जबकि वीडियो में किसी का नाम नहीं है ।उन्होंने कहा कि मैं खुद एक संवैधानिक पद पर आसीन हूं और प्रधानमंत्री देश के प्रत्येक नागरिक के प्रधानमंत्री हैं ।
मेरे द्वारा इस तरह की टिप्पणी कभी भी नहीं की गई । यह सही है कि देश का हजारों करोड़ रुपए लेकर भगोड़े नीरव मोदी जिसके खिलाफ तमाम जांच एजेंसियों द्वारा रेड नोटिस जारी है उसकी तुलना उन्होंने मनरेगा के अंतर्गत जनता का पैसा लूटने वाले प्रधान के विरुद्ध भ्रष्टाचार एवं फ्रॉड की चर्चा करते हुए ग्राम प्रधान की तुलना भगोड़े नीरव मोदी से की थी।
