मुजफ्फरनगर: सरकार और किसानों के बीच एक लंबे समय से लगभग एक साल से अधिक समय से चल रहा किसान आंदोलन समाप्त हो गया है। किसान संगठनों ने दावा किया है कि सभी मांगों की 15 जनवरी को दोबारा समीक्षा के बाद आंदोलन खत्म करने पर औपचारिक फैसला लिया जाएगा। फिलहाल इसे स्थगित कर दिया गया है। सरकार की तरफ से संयुक्त किसान मोर्चा को भेजे गए पत्र में किसानों के लंबित मांगों पर सहमति के बाद इसे खत्म करने का संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसला लिया है।
मुजफ्फरनगर के सिसौली की मासिक पंचायत में भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि खेती को घाटे का सौदा बनाया जा रहा है, जिससे कॉरपोरेट जमीन छीन सके। युवा किसान अब जाग चुका है। हम खेती में बेईमानी नहीं करते, लेकिन दिल्ली में भाव देनी वाली कलम बेईमान है। उन्होंने कहा कि जनपद में जिला पंचायत में भेदभाव बर्दास्त नहीं प्रशासन सुधार करें। थानों में एकतरफा कार्रवाई भी तुरंत बंद हो, अन्यथा आंदोलन के लिए तैयार रहे।
मंडियों से प्राप्त आय से किसानों को सुविधाएं मिले। किसानों का गन्ना भुगतान हो। पूरे देश में सरकारों से किसानों के मुद्दों पर वार्ता करेंगे। किसान भी नशा मुक्ति जैसे आंदोलन चलाए। कॉरपोरेट को टक्कर देने के लिये किसानों के उत्पादों का उपयोग करें।