महाराष्ट्र में बिजली संकट: यूक्रेन युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत में तेज वृद्धि हुई है। महाराष्ट्र कोयले और बिजली संकट से जूझ रहा है l महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने दावा किया कि राज्य कोयले और बिजली संकट से जूझ रहा है क्योंकि कुछ संयंत्रों में केवल 1.5 दिनों का कोयला बचा है। हालांकि मंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार बिजली संकट के समाधान के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।
राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के कुछ संयंत्रों में 1.5 दिन का कोयला बचा है, कुछ में 3 दिन और कुछ में 6 दिन का कोयला बचा है। राज्य सरकार बिजली संकट को दूर करने के लिए काम कर रही है। जल संसाधन मंत्री को पनबिजली उत्पादन के लिए पानी की आपूर्ति करने के लिए कहा गया है।
महाराष्ट्र के मंत्री ने कहा कि केंद्र के साथ अनुबंध के अनुसार, राज्य एपीएम गैस प्राप्त करने का हकदार है। उन्होंने आगे दावा किया कि केंद्र ने राज्य को आवश्यक एपीएम गैस उपलब्ध नहीं कराई थी, उन्होंने कहा कि अगर लोड-शेडिंग को हल करना है तो कोयला, पानी और गैस की जरूरत है। महाराष्ट्र सरकार के द्वारा केंद्र सरकार को 2200 करोड़ रुपये देने हैं। केंद्र ने हमसे कहा है कि पहले उन्हें पैसा दें और उसके बाद ही वे कोयला देंगे।
कोयना बांध में 17 टीएमसी पानी बचा है, बिजली पैदा करने के लिए हर दिन 1 टीएमसी की जरूरत होती है। अगर लोड शेडिंग का समाधान करना है तो कोयला, पानी और गैस की जरूरत है। केंद्र सरकार के साथ अनुबंध के अनुसार, वे राज्य सरकार को एपीएम गैस उपलब्ध कराना चाहिए। लेकिन मदद से पहले केंद्र सरकार बकाया मांग रही है।
