अलीगढ़ः मई माह के अंत में अपने जिले के लोधा, जवां, पिसावा, टप्पल, क्वार्सी, महुआ खेड़ा, अकराबाद में जहरीली शराब पीने से मौतें हुई थीं। 109 लोगों की मौत के इस कांड ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था। मौत का क्रम शुरू होने के क्रम में जब पुलिस ने घेराबंदी शुरू की तो शराब माफिया ने जहरीली शराब ठेकों से हटाकर नहरों, रजवाहों में फेंकना शुरू किया। जवां व अकराबाद में भट्ठा मजदूरों ने नहरों में पड़ी मिली शराब पी और वे भी जान गवां बैठे। उस समय नहरों व रजवाहों में चेकिंग अभियान चलाया गया।
प्रदेश भर की सुर्खियों में रहे जहरीली शराब कांड का किस्सा एक बार फिर निकल आया है। इस बार यह किस्सा जिले के टप्पल से सटे जेवर बॉर्डर पर सामने आया है। यहां कूड़ा बीनने वाले तीन लोगों ने कूड़े में मिली शराब पी ली, जिससे उनकी मौत हो गई। यह शराब कहां से आई और किसने फेंकी, इसे लेकर जेवर व अलीगढ़ पुलिस अपने-अपने स्तर से जांच कर रही हैं।
जेवर-टप्पल बॉर्डर पर कुराना बंबा के पास की घटना सामने आयी। यहां कूड़ा बीनने वाले तीन लोगों को बंबे के सहारे कूड़े में देशी शराब पड़ी मिली। इन तीनों ने ये शराब पी ली। जिनमें से एक की जेवर स्वास्थ्य केंद्र में और दो लोगों की दिल्ली के सफदरजंग में मौत हो गई। इस सूचना पर जेवर के साथ-साथ अलीगढ़ पुलिस भी हरकत में आई।
मौके पर जाकर जांच पड़ताल की गई। जांच में पाया कि देशी शराब के जो पौवे मौके पर मिले, उनके बार कोड गवाही दे रहे हैं कि वे नोएडा के ठेकों के लिए आवंटित थे। फिलहाल दोनों जिलों की पुलिस इस शराब को फेंकने वालों की जांच कर रही हैं। वहीं अलीगढ़ पुलिस ने एक बार फिर सभी बॉर्डर के रजवाहे, माइनर व नहरों में शराब चेकिंग शुरू करा दी है, जिसमें जिलाधिकारी से वार्ता कर सिंचाई विभाग को लगाया गया है। किसी भी तरह से यह निश्चित किया जाएगा कि कहीं कोई मौत अब शराब से न हो।
– कलानिधि नैथानी, एसएसपी
