अयोध्या : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के भव्य निर्माण के लिए अभूतपूर्व तरीकों से कंस्ट्रक्शन वर्क की मॉनिटरिंग और प्लानिंग की जा रही है। राममंदिर सदियों तक अक्षुण्ण रहे इसके निर्माण सामग्री के साथ ही कई बिन्दुओं का भी गहराई से अध्ययन कराया जा रहा है। इसके लिए ट्रस्ट कई तकनीकी एजेंसियों की मदद ले रहा है।
उनकी रिपोर्ट के आधार पर नींव से लेकर प्लिंथ निर्माण तक का काम कराया जा रहा है। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए फुल प्रूफ योजना पर काम किया जा रहा है। मंदिर की नींव की मजबूती से इस्तेमाल होने वाले सीमेंट तक के लिए एक पुख्ता प्लान बनाया जा रहा है। मंदिर एक हजार साल तक सुरक्षित रहे इसलिए ट्रस्ट ने बीते 500 सालों में आए भूकंपों से हुए नुकसान का अध्ययन भी कराया है।
राममंदिर जिस मजबूत आधार पर टिका होगा वह देश के कुछ चुनिंदा मंदिरों में ही देखने को मिलेगा। राममंदिर की नींव 80 फीट गहरी पत्थरों की दीवार से बनी है। इसके ऊपर भी डेढ़ मीटर की पत्थरों की रॉफ्ट ढाली गई है। अब इस रॉफ्ट के ऊपर सात लेयर में करीब 21 फीट ऊंची ग्रेनाइट पत्थरों की चट्टान बिछाई जा रही है। इसी मजबूत चबूतरे पर राममंदिर का गर्भगृह आकार लेगा।
मंदिर को प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, तूफान से सुरक्षित रखने के लिए मंदिर के तीन तरफ 12 मीटर गहरी दीवार भी बनाई जा रही है। ट्रस्ट राम मंदिर की भव्यता व उसकी मजबूती को लेकर गंभीर है। नींव का काम शुरू होने से पहले 500 साल के भूकंप का रिकॉर्ड खंगाला गया है। राममंदिर न सिर्फ भव्यता बल्कि तकनीकी के मामले में भी दुनिया के चुनिंदा मंदिरों में शामिल होगा। 8 तकनीकी एजेंसियां निर्माण की निगरानी करती हैं। राममंदिर सदियों तक अक्षुण्ण रहेगा इसमें कोई शक नही है। अयोध्या में आने वाले दिनों में सुरक्षा की दृष्टि से नए बदलाव देखने को मिलेंगे। धार्मिक नगरी होने से अयोध्या में आने वाले दिनों में सुरक्षा के और पुख्ता इंतजाम होंगे l
