राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के एक समारोह में भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि न्यायाधीशों को निर्णय लिखते समय एक भाषा का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि उनके फैसलों का बहुत बड़ा असर होता है, और आम आदमी को समझने की जरूरत होती है. उन्होंने यह भी कहा कि संवैधानिक न्यायालयों- सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों को अत्यंत स्वतंत्रता के साथ कार्य करना चाहिए.
साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे निर्णयों का बहुत बड़ा सामाजिक प्रभाव होता है, इसलिए फैसलों को आसानी से समझने लायक, सरल और स्पष्ट भाषा में लिखा जाना चाहिए. प्राथमिक रूप से, संवैधानिक अदालतों की पूर्ण स्वतंत्रता और विपरीत परिस्थितियों में आवश्यक साहस के साथ कार्य करने की क्षमता, हमारी संस्था के चरित्र को परिभाषित करती है.
