शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है. मान्यता है कि इस दिन नीले रंग के परिधान पहनकर माँ की पूजा एवं गुड़ का भोग लगाते हैं तो देवी शोक-मुक्त का आशीर्वाद देती हैं. कहते हैं कि माँ कालरात्रि की विधिवत् पूजा करने से जीवन के तमाम रोग-शोक मिटते हैं. सफलता के रास्ते में आने वाली सारी बाधाएं खत्म होती हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिन माँ कालरात्रि की पूजा करने से जातक के शनि-योग के कष्ट भी दूर होते हैं.
कालरात्रि मां दुर्गा का सातवां स्वरूप है, जो देखने में काफी भयंकर है, इनका रंग काला है और ये तीन नेत्रधारी हैं. इसी वजह से इन्हें कालरात्रि का नाम दिया गया है. माँ कालरात्रि की चार भुजाएं हैं, इनके गले में विद्युत की दिव्य माला है, और वाहन गधा है. देवी भागवत के अनुसार असुरों के राजा रक्त-बीज का संहार करने के लिए माँ दुर्गा ने कालरात्रि का रूप धारण किया था.
