विश्व होम्योपैथी दिवस : विश्व में मुख्य रूप से तीन तरह की चिकित्सा पद्धति है, एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेद l आज ‘विश्व होम्योपैथी दिवस’ है l प्रत्येक वर्ष इस दिवस को एक खास थीम के तहत सेलिब्रेट किया जाता है l इस वर्ष की थीम ‘होम्योपैथी: पीपल्स च्वॉएस फॉर वेलनेस’ (Homeopathy: People’s Choice for Wellness) रखी गई है l
इस दिवस को इसलिए मनाया जाता है, ताकि लोग होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के बारे में जानें, उसके फायदे क्या हैं, उससे अवगत हों, लोगों में इसके प्रति जागरूकता आए l ज्यादा से ज्यादा लोग एलोपैथी यानी आधुनिक चिकित्सा पद्धति के जरिए ही किसी भी बीमारी का इलाज कराते हैं l
कोरोना काल के बाद से आयुर्वेद की तरफ लोगों का रुख काफी बढ़ा है, लेकिन काफी लोग ऐसे भी हैं, जिनका झुकाव होम्योपैथी के प्रति पहले से काफी बढ़ा है l वर्ल्ड होम्योपैथी डे’ होम्योपैथी के संस्थापक जर्मन चिकित्सक डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनिमैन (Dr.Christian Friedrich Samuel Hahnemann) की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है l इन्हें ही होम्योपैथी के उपयोग के जरिए स्वस्थ होने का तरीका खोजने का श्रेय जाता है l
प्रत्येक वर्ष 10 अप्रैल को होम्योपैथी के जनक डॉ. सैमुअल हैनीमैन की जयंती को चिह्नित करने के लिए विश्व स्तर पर विश्व होम्योपैथी दिवस सेलिब्रेट किया जाता है। सैमुअल हैनीमैन का जन्म जर्मनी में हुआ था, वे चिकित्सक होने के साथ-साथ महान शोधकर्ता, भाषाविद और उत्कृष्ट वैज्ञानिक भी रहे। इस वर्ष हैनीमैन की 266 वीं जयंती सेलिब्रेट की जा रही है। इंडिया में, विश्व होम्योपैथी दिवस आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान के रूप में मनाया जाता है।