कोरोना: देशभर में कोरोना को काबू करने के लिए टीकाकरण अभियान जारी है, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग की उस याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया जिसमें गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं पर कोरोना वैक्सीन के असर पर अध्ययन और वैक्सीन लगवाने वाली ऐसी महिलाओं की निगरानी की मांग की गई थी। गर्भवती महिलाओं और दुग्धपान कराने वाली माताओं पर कोरोना वैक्सीन के असर के अध्ययन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया है l
इस साल मई में दाखिल हुई थी याचिका
यह याचिका इस साल मई में दाखिल हुई थी, उस दौरान कोरोना की दूसरी लहर की स्थिति गंभीर थीl याचिका में गर्भवती या दुग्धपान कराने वाली महिलाओं पर अधिक जोखिम को देखते हुए उनके टीकाकरण के लिए उचित निर्देश की मांग की गई थीl याचिकाकर्ता की वकील वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट को बताया कि सरकार की तरफ से इस मसले पर निर्देश जारी किए जा चुके हैंl
गर्भवती महिलाओं पर इसके असर का ठीक से पता नहीं– याचिकाकर्ता
ग्रोवर ने जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और बीवी नागरत्ना की बेंच से कहा, “यह एक नया वायरस है. इसके बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है. गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाओं पर इसके असर का ठीक से पता नहीं. कोरोना की जो वैक्सीन उस समय उपलब्ध है, उसके ऐसी महिलाओं के लिए सुरक्षित होने पर भी अध्ययन नहीं हुआ है. वकील की मांग थी कि कोर्ट केंद्र सरकार और ICMR से इस पहलू पर जवाब दे.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उनके निवास स्थान पर प्राथमिकता के आधार पर कोरोना टीकाकरण की मांग करने वाली जनहित याचिका पर भी केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस याचिका में दिव्यांगजनों के लिए कोविन ऐप की जगह दूसरा सुविधाजनक विकल्प उपलब्ध करवाने की भी मांग की गई है। वहीं अब इस मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।
