दो-दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य अवध की गौरवशाली संस्कृति से छात्र-छात्राओं को परिचित कराना है। प्रतियोगिताओं के क्रम में गायन,नृत्य,काव्यलेखन,रामायण प्रश्नोत्तरी, आर्ट एंड क्राफ्ट प्रतियोगिता,साइंस मॉडल प्रतियोगिता, कहानी लेखन प्रतियोगिता, स्लोगन प्रतियोगिता एवं मधुबनी आर्ट प्रतियोगिता संपन्न हुईं। प्रतियोगिता में लखनऊ विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के 300 से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

प्रतियोगिताओं के विजेताओं को दिनांक 29 अक्टूबर को मालवीय सभागार में अयोजित समापन कार्यक्रम में पुरस्कृत किया जाएगा। साइंस मॉडल प्रतियोगिता में ‘टेरर प्रूफ सिस्टम’ का मॉडल विशेष रूप से प्रशंसनीय रहा।प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रतिभागियों से रामायण की विभिन्न घटनाओं पर आधारित प्रश्न किए गए।काव्य लेखन प्रतियोगिता का विषय ‘भगवान राम की चारित्रिक विशेषताएं’ एवं ‘भारतीय ग्राम्य जीवन’ था।

‘सांस्कृतिकी’ के निदेशक प्रो.राकेश चंद्रा ने सभी प्रतिभागियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. पूनम टंडन एवं प्रो.रोली मिश्रा ने उपस्थित होकर प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया।कार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका प्रो.मीरा सिंह, प्रो.अनिल मिश्रा एवं प्रो.अलका पाण्डेय ने निभाई।प्रधान समन्वयक आयुष शुक्ला ने बताया कि 29 अक्टूबर को अपराह्न 3 बजे से लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं पुरस्कार वितरण का आयोजन किया जाएगा

कार्यक्रम का संचालन अक्षय प्रताप सिंह एवं वर्तिका तिवारी ने किया।इस अवसर पर जय सिंह,अनमोल मिश्र, अनन्या शुक्ला, ओम सिंह, भास्कर, अभिषेक मिश्र एवं अंकित पटेल आदि उपस्थित रहे।

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