Education

खुशखबरीः काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय बनेगा यूपी का पहला हाइब्रिड मॉडल, कुलपति ने की थी पीएम मोदी से मांग

वाराणसी:  वाराणसी स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ आजादी की लड़ाई में योगदान देने के लिए स्थापित विद्यापीठ ने अपने सौ साल पूर्ण कर लिए हैं। यह देश भर के चुनिंदा विश्वविद्यालयों में से एक हैं जिसने शताब्दी वर्ष का सफर पूरा किया है। ऐसे में विश्वविद्यालय को विशिष्ट दर्जा दिलाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। वाराणसी स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ उत्तर प्रदेश का पहला हाइब्रिड मॉडल विश्वविद्यालय बनाया जायेगा।

विश्वविद्यालय को अपने शताब्दी वर्ष में विशिष्ट दर्जे की सौगात मिल सकती है। पीएम नरेंद्र मोदी के आश्वासन के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन इसके लिए डीपीआर तैयार कर रहा है। जल्द ही इसे कुलाधिपति को भेजा जाएगा। राज भवन से स्वीकृति मिलते ही प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
कुलाधिपति ने कुलपति से विश्वविद्यालय की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी है।

कुलपति ने पूरी टीम को कार्ययोजना तैयार करने में लगा दिया है। संभावना है कि वर्तमान सत्र में ही इसकी संस्तुति हो जाएगी। प्रधानमंत्री के वाराणसी आगमन पर कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने विशिष्ट दर्जा दिलाने की मांग रखी थी। पीएम ने कुलपति को मामले में कुलाधिपति से चर्चा करने को कहा था। कुलपति ने जब कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल से चर्चा की तो उन्होंने डीपीआर मांगी है।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को विशिष्ट दर्जा दिलाने का प्रयास 2005 से चल रहा है। यूजीसी कमेटी ने 2005 में विश्वविद्यालय का दौरा कर संस्था को राष्ट्रीय महत्व की संस्था बनाने का सुझाव दिया था। अध्यापक संघ और  छात्रों ने भी इस दिशा में पहल की थी।

काशी विद्यापीठ के कुलपति ने बताया कि देश में हाइब्रिड मॉडल कॉमन नहीं है। हमारे यहां या तो पूरी तरह से केंद्रीय विश्वविद्यालय है या फिर राज्य विश्वविद्यालय हैं। हाइब्रिड मॉडल में कुछ हिस्सा केंद्र सरकार का होता है और कुछ राज्य सरकार का।  विशिष्ट दर्जा मिलने के बाद काशी विद्यापीठ प्रदेश का पहला हाइब्रिड मॉडल वाला विश्वविद्यालय बन जाएगा।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top