पीएम नरेंद्र मोदी की जम्मू-कश्मीर के 14 दलों के नेताओं के साथ बैठक खत्म हो गई है. अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के करीब दो साल के बाद केंद्र सरकार की ओर से राज्य के नेताओं के साथ बातचीत की गई है. पीएम मोदी ने इस बैठक में कश्मीरी नेताओं से कहा, राजनीतिक मतभेद होंगे लेकिन सभी को राष्ट्रहित में काम करना चाहिए ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को फायदा हो. उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी के लिए सुरक्षा और सुरक्षा का माहौल सुनिश्चित करने की जरूरत है.पीएम ने कहा कि वह ‘दिल्ली की दूर’ और ‘दिल की दूर’ को हटाना चाहते हैं. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, NSA अजीत डोभाल, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा केंद्र के अन्य कई अफसर भी मौजूद थे. बैठक करीब पौने चार घंटे तक चली.

बैठक की शुरुआत तीन बजे हुई थी. पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर आठ दलों के 14 नेताओं को गर्मजोशी से स्वागत किया. साथ ही पीएम मोदी ने सभी दलों के नेताओं को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.माडिया रिपोर्ट के मुताबिक मीटिंग में डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा सभी का स्वागत किया गया. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना ओपनिंग रिमार्क दिए जाएंगे. पीएम मोदी के बाद फारूक अब्दुल्ला की ओर से अपनी बात कही जाएगी. इस बीच मीटिंग से पहले फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कोई एजेंडा नहीं है, हम अपनी बात रखेंगे और पीएम-गृह मंत्री से बात करेंगे. ताकि रियासत में शांति आए. फारूक ने कहा कि हमारे चाहने का सवाल नहीं है. चाहते तो हम आसमान हैं.

बैठक खत्म होने के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि पीएम मोदी के सामने कांग्रेस की तरफ से 5 मांगे रखी गई हैं. उन्होंने कहा, पहले तो मैं अपने साथियों का शुक्रिया करता हूं. कांग्रेस की तरफ से इस मीटिंग में 5 बड़ी मांगे रखी गई जिसमें राज्य का दर्जा देने की मांग भी शामिल थी.उन्होंने कहा, स्टेट हुड बहाल करने का इससे अच्छा समय नहीं है. 5 शर्तों के बारे में बताते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पीएम मोदी के सामने जम्मू कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाली की मांग की गई है. अभी शांति है. बोर्डर पर भी शांति है. पंचायत चुनाव हुए डीडीसी चुनाव भी हुए हैं. केंद्र सरकार रोजगार की गारंटी देनी चाहिए.

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