गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले मे चिड़ियाघर के उद्घाटन के बाद से वन्य जीवों के मरने का सिलसिला रुक नहीं रहा है। गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणि उद्यान में 16 दिनों में दो वन्यजीवों की मौत हो गई।चिड़ियाघर को जनता के लिए खुले अभी छह माह भी पूरे भी नहीं हुए हैं। ऐसे में कई वन्य जीवों की मौत से कई सवाल उठ खड़े हो रहे हैं।
30 अगस्त को दिल्ली से लाए गए सांभर की मौत हो गई थी। गुरुवार को स्पॉटेड डियर (हिरण) की मौत हो गई। इससे पहले दो मोर, घड़ियाल और बंदर की मौत हो चुकी है। प्राणि उद्यान में शुक्रवार को वन्य जीवों की मेटिंग कराई जा रही थी। इसी दौरान नर व मादा स्पॉटेड डियर हिंसक होकर आपस में भिड़ गए। इसमें नर हिरण ने मादा को अपनी सींग से हमला कर पेट में पांच जगह गंभीर घाव कर दिया। इसी बीच दोनों को छुड़ाने पहुंचे जू कीपर को भी मादा हिरण ने घायल कर दिया। घायल हिरण का प्राणि उद्यान के वेटनरी में इलाज चल रहा था। गुरुवार को घायल मादा हिरण की मौत हो गई। प्रबंधन ने वेटनरी के पीएम हाउस में उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
निदेशक चिड़ियाघर एच राजामोहन ने कहा कि मादा हिरण को कुछ दिन पहले विनोद वन से लाया गया था। नियमानुसार 20 दिन क्वारंटीन रखने के बाद बाड़े में छोड़ा गया। इसी बीच नर व मादा आपस में भिड़ गए थे। पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि दोनों की लड़ाई में बीच-बचाव करने पर एक जू कीपर भी घायल हो गया था। हमले में घायल मादा हिरण का इलाज चल रहा था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
इसी तरह 30 अगस्त को जन्माष्टमी के दिन भी नई दिल्ली से लाए गए सांभर की मौत हो गई थी। निदेशक एच राजामोहन ने बताया कि सांभर की मौत संक्रमण की वजह से हुई थी। हालांकि, यह संक्रमण कैसा था, नहीं बता सके। ऐसे ही मई के अंतिम सप्ताह में पांच वन्यजीवों की मौत हो चुकी है। मरने वाले जीवों में दो मोर, एक बोनेट बंदर और दो मगरमच्छ शामिल थे।
