पंजाब विधानसभा चुनाव परिणाम: राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, दशक भर से भी कम समय में यह सियासी सफलता हासिल करने वाली आप 2024 लोकसभा चुनावों से पहले भारतीय सियासत में बड़ी ताकत के रूप में उभर आई है। करीब आठ साल पहले नई दिल्ली में कांग्रेस और भाजपा को करारी पटखनी देने वाली आम आदमी पार्टी ने अब पंजाब में दशकों पुराने सियासी दिग्गजों को धूल चटाकर भारतीय राजनीति में बड़े बदलाव की नींव रख दी है।
2013 में दिल्ली में अल्पकालिक सरकार बनाने के सालभर के भीतर ही आप ने 2014 लोकसभा चुनाव में पंजाब में सफलता का स्वाद चखा। तब उसे 24.4 फीसदी वोट प्रतिशत के साथ चार सीटें मिलीं। दो राज्यों में सरकारों के साथ वह अब देश की सबसे पुरानी पार्टी, कांग्रेस के बराबर आ खड़ी हुई है जिसकी राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार है।
इसके बाद 2015 में पार्टी ने दिल्ली में एकतरफा जीत दर्ज की। इससे दो साल बाद पंजाब के विधानसभा चुनावों में भी यह करिश्मा दोहराने की उम्मीद जागी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं और 20 सीटों के साथ उसे विपक्ष में बैठना पड़ा। वहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने 77 सीटें जीतीं।
गोवा और उत्तराखंड में भले आप को ज्यादा लाभ नहीं हुआ। लेकिन पंजाब में ऐतिहासिक फतह ने उसे इस साल गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए उत्साहित कर दिया है। वहां पार्टी पहले से ही चुनावी अभियान शुरू कर चुकी है।चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस का बिखरना, अकाली दल का भाजपा से अलग होना और किसानों की केंद्र से नाराजगी ने आप का पूरी क्षमता से चुनाव लड़ने का हौसला मजबूत कर दिया।
