मायावती ने पार्टी के विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा और विधायक व राष्ट्रीय महासचिव राम अचल राजभर को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद पार्टी के पास अब सिर्फ सात विधायक बचे हैं।
मायावती ने कहा है कि राम अचल व लालजी को भविष्य में कभी कोई चुनाव बसपा से नहीं लड़ाया जाएगा। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि इन दोनों को पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में न बुलाया जाए। चर्चा है कि इन विधायकों पर कार्रवाई एक राजनीतिक दल में शामिल होने की पिछले कई दिनों से चल रही अटकलों के बीच हुई है। ये दोनों पहले जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में अंदरूनी तौर पर एक राजनीतिक दल की मदद कर चुनाव जितवाने, फिर विधानमंडल के आगामी सत्र के बाद चुनाव के नजदीक आने पर बसपा को झटका देकर उस पार्टी में शामिल होने की रणनीति पर काम कर रहे थे।
2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने 19 सीटें जीती थीं। अंबेडकरनगर जिले के उपचुनाव में एक सीट हारने के बाद पार्टी के पास 18 विधायक रह गए। पिछले साढ़े चार वर्षों में अलग-अलग समय पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में बसपा के 9 विधायक पहले से निलंबित चल रहे हैं। दो और के निष्कासन से अब पार्टी में सिर्फ सात विधायक बचे हैं।
पार्टी के अब ये ही बचे
शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली
सुखदेव राजभर
श्याम सुंदर शर्मा
उमाशंकर सिंह
मुख्तार अंसारी
विनय शंकर तिवारी
आजाद अरिमर्दन
बसपा सुप्रीमो मायावती ने लालजी वर्मा को पार्टी से निष्कासित करने के तत्काल बाद बसपा विधानमंडल दल के नए नेता का भी एलान कर दिया। उन्होंने आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर विधानसभा सीट से विधायक शाह आलम को पार्टी विधानमंडल दल का नेता नामित किया है। जमाली लगातार दो बार से विधायक हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा के जो 19 विधायक चुनाव जीते थे, उनमें पांच मुस्लिम थे। वर्तमान में जो सात विधायक पार्टी के साथ बचे हैं एक और मुस्लिम चेहरा मुख्तार अंसारी हैं। मुख्तार फिलहाल जेल में हैं। ऐसे में मायावती ने मुस्लिम समाज को संदेश देने के लिए शाह आलम को तवज्जो दिया।
बसपा से निष्कासित विधायक व राष्ट्रीय महासचिव राम अचल राजभर का कहना है उन्हें निष्कासन की कोई जानकारी नहीं है। न तो वह किसी पार्टी में जा रहे थे और न ही जाएंगे। वह बसपा में थे, बसपा में हैं और बसपा में ही रहेंगे। पूर्व मंत्री राम अचल ने ‘अमर उजाला’ से कहा कि कहा कि बसपा के मिशन व मूवमेंट में आस्था है। बहनजी के नेतृत्व में काम करते रहे हैं, करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि किसी ने कोई गकतफहमी पैदा की होगी। इसके लिए उन्हें किसी से कोई गिला शिकवा नहीं है। मुझे नहीं पता कि किस वजह से निष्काषित किया गया है। राम अचल ने कहा कि उन्हें बसपा को वोट देने और दिलाने से कोई नहीं रोक सकता।
राम अचल राजभर व लालजी वर्मा का निष्कासन इन नेताओं के लिए ही नहीं बसपा के लिए भी बड़ा झटका है। पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य सहित बसपा में पहली कतार के सभी प्रमुख पिछड़े नेता या तो बसपा छोड़ चुके हैं या निष्कासित किये जा चुके हैं।
ये 9 विधायक पहले से ही निलंबित
1- असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती)
2- असलम अली (ढोलाना-हापुड़)
3- मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद)
4- हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज)
5-हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर)
6-सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर)
7-वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़)
8- अनिल सिंह (पुरवा-उन्नाव)
9- रामवीर उपाध्याय (सादाबाद-हाथरस)