दुर्गा पूजा 2022: भारत देश मे हमें कई तरह के त्योहार देखने को मिलते है, अभी सबके घरों में बाप्पा ने आगमन किया है, वही बप्पा की बिदाई होते ही कुछ दिन बाद आता है नौरात्रि का त्यौहार। दुर्गा पूजा का यह खास महा पर्व पश्चिम बंगाल में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। दुनियाभर में पहचाने जाने वाली कोलकाता की दुर्गा पूजा को यूनेस्को ने सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिया है।
यूनेस्को का धन्यवाद जताने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में रैली निकाली, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। दुर्गा पूजा पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा त्योहार है जिसे लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।रैली में लगभग 1,200 दुर्गा पूजा समितियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। ममता की रैली उत्तरी कोलकाता के जोरासांको क्षेत्र में शुरू हुई और रेड रोड पर संपन्न हुई। इस रैली में सीएम समेत टीएमसी के बडे़ नेता फिरहाद हाकिम, सुदीप बंद्योपाध्याय, अरूप विश्वास और शशि पांजा भी थे।
इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि मैं दुर्गा पूजा को सांस्कृतिक विरासत का दर्जा देने के लिए यूनेस्को को धन्यवाद देना चाहती हूं। आज से, हमारा उत्सव एक महीने के लिए शुरू हो रहा है। मैं रैली में भाग लेने के लिए सभी क्षेत्रों के लोगों का स्वागत करती हूं, और दुनिया भर से इस रैली को देखने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देती हूं।
रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि दुर्गा पूजा एक भावना है जो संकीर्ण बाधाओं से ऊपर उठती है और हमें एक साथ लाती है। यह आध्यात्मिकता के साथ कला की भव्यता को जोड़ती है। हम दुर्गा पूजा को एक अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता देने और इसमें शामिल सभी लोगों के प्यार के श्रम का सम्मान करने के लिए यूनेस्को को धन्यवाद देते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं कहूंगी कि धर्म व्यक्तिगत हो सकता है, लेकिन त्योहारों का उत्सव सार्वभौमिक है। मैं इस मान्यता के लिए फिर से यूनेस्को को धन्यवाद दूंगी। भारत के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली वहां धन्यवाद कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने अपने अनुभवों और त्योहार के साथ जुड़ाव को याद करते हुए एक भाषण दिया।
