महराजगंज प्राथमिक विद्यालय रुद्रपुर भलुही के मर्जर को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे रोते हुए बच्चों के वीडियो ने जिले में शिक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन बैकफुट पर आ गया है।
इस मामले में जिलाधिकारी महोदय ने मीडिया से बात करते हुए वायरल वीडियो को “भ्रामक और झूठा” बताया है। उन्होंने कहा कि रुद्रपुर भलुही विद्यालय का मर्जर नहीं किया गया है, और बीएसए महोदया की जांच रिपोर्ट के आधार पर यह बात सामने आई है।
लेकिन इसी बीच एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है — बीएसए महोदया द्वारा जारी किया गया एक आदेश दिनांक 30 जून को स्पष्ट रूप से विद्यालय मर्जर की पुष्टि करता है। अब सवाल यह उठता है कि जब मर्जर का आदेश पहले ही जारी हो चुका था, तो जिलाधिकारी द्वारा इसे नकारना किस आधार पर किया गया?
यह विरोधाभास अब प्रशासनिक कार्यप्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहा है।
वहीं, इस पूरे मामले में अब जनता के बीच यह बहस तेज हो गई है कि *”आख़िर सच कौन बोल रहा है – जिलाधिकारी या बीएसए?”
इस प्रकरण ने न केवल शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि प्रशासन और अफसरों की जवाबदेही को लेकर भी जनभावनाओं को झकझोर दिया है।


