प्रदूषण के कण बेहद छोटे होते हैं, लेकिन ये हमारे फेफड़ों के लिए दुश्मन की तरह होते हैं और उन्हें बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाते हैं. दिल्ली-एनसीआर के लोग बीते कुछ दिनों से लगातार प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. वहां की वायु गुणवत्ता काफी खराब हो गई है. आसमान में धुंध की चादर की नजर आने लगी है. इसे लोग स्मॉग कहकर बुलाते हैं.
हवा में घुले प्रदूषण के ये अतिसूक्ष्म कण फेफड़ों के लिए जहर की तरह है. ये कण सांस के जरिए से हमारे शरीर और आंतों के अंदर प्रवेश कर जाते हैं. ऐसे में ये फेफड़े, किडनी, लिवर, नर्वस सिस्टम, आंखों, बाल, त्वचा आदि शरीर के तमाम हिस्सों को प्रभावित करते हैं. इनसे बचाव करना बहुत जरूरी है, वरना सेहत को लेकर बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है. यहां सरल भाषा में समझिए क्या है स्मॉग और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है.
स्मॉग के दौरान घर से बाहर घूमने के लिए न निकलें. यदि निकलना पड़ रहा है तो मास्क का प्रयोग जरूर करें या कपड़े से मुंह कवर करें. लेकिन कपड़े को दो परतों में प्रयोग करें. सुबह की सैर पर जाने से बचें. यदि जाना भी है तो देर से निकलें और खाली पेट न जाएं. साथ ही मुंह और नाक अच्छे से कवर करके निकलें. बाहर निकलते समय आंखों में चश्मा पहनें और बाहर से आने के बाद आंखों को ठंडे और साफ पानी से अच्छी तरह साफ करें.
