पहल: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के करसड़ा में देश का पहला आधुनिक प्लांट बन रहा है। जिसमें जानवरों की हड्डी, मांस, चमड़ा अलग होगी। इससे नगर निगम की आय बढ़ेगी। करसड़ा गांव में आधुनिक प्लांट बनकर तैयार हो गया है। टेंडर की प्रक्रिया जारी है। जल्द निजी कंपनी को टेंडर दिया जाएगा। टेंडर लेने वाली कंपनियों को पहले विभाग द्वारा दो महीने की ट्रेनिंग दी जाएंगी, जिसमें उन्हें मशीन के बारे में और कैसे काम करना है, इसकी जानकारी दी जाएगी।
आपको बता दें कि शहर में मृत पशुओं के निस्तारण के लिए नगर निगम 4.8 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक प्लांट शुरू करने जा रहा है। जहां पर कुत्ता, बिल्ली और बड़े जानवरों का निस्तारण किया जाएगा। प्लांट बनकर तैयार हो गया है, टेंडर की प्रक्रिया जारी है। जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।
इस प्लांट में ब्वायलर लगाया गया है जहां से एक बार में बड़े 20 और छोटे 30 जानवरों को डाला जा सकता है। ब्वायलर में जानवरों को डालते ही उनका मांस, चमड़ा, हड्डी अलग हो जाएगी। मृत पशुओं के मांस से मछली, मुर्गी का दाना, कुत्ता-बिल्ली जैसे पालतू जानवरों के लिए चारा बनाया जाएगा। साथ ही पशुओं की चमड़ी को निकालकर चमड़ा उद्योग को बेचा जाएगा और हड्डी और फैट को विभिन्न कंपनियों को दिया जाएगा।
यहां ईटीपी (एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट) स्थापित किया गया है जिससे मृत पशुओं के शरीर से निकले पानी को शोधित कर बागवानी व धुलाई कार्य में इस्तेमाल किया जाएगा। प्लांट से नगर निगम को आय भी होगी। यह देश का पहला प्लांट होगा जहां पर मृत पशुओं के मांस, चमड़ा, हड्डी को एक साथ अलग कर उसका उपयोग किया जा रहा है।
नगर निगम हर महीने 600 बड़े और 200 छोटे मृत जानवरों को उठाता है और उन्हें गड्ढे खोदकर गाड़ता है। बरसात में यह आकड़ा 800 बड़े और 300 छोटे जानवरों तक पहुंच जाता है।
