कोरोना संकट के चलते अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को सरकार ने 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है। बुधवार को DGCA की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। हालांकि इस अवधि में भी कुछ निश्चित रूटों पर फ्लाइट्स के उड़ान की मंजूरी रहेगी। यह अनुमति केस-टू-केस बेसिस पर दी जाएगी। इसके अलावा कार्गो ऑपरेशंस और डीजीसीए की ओर से विशेष तौर पर मंजूरी प्राप्त उड़ानों के संचालन की अनुमति होगी। कोरोना संकट की शुरुआत के बाद से ही भारत ने 23 मार्च, 2020 से इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर रोक लगा दी थी। लेकिन मई 2020 से वंदे भारत मिशन के तहत स्पेशल इंटरनेशनल फ्लाइट्स चल रही हैं।बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से पिछले साल 23 मार्च से अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट पर रोक लगा दी गई थी।
हालांकि 25 मई से घरेलू उड़ानों की अनुमति मिल गई थी, लेकिन इस दौरान यात्रियों को सख्त नियमों का पालन करना अनिवार्य था। विदेश में जो यात्री फंसे थे उन्हें वापस लाने के लिए भारत सरकार ने खास मुहिम चलाई और वंद भारत मिशन के तहत बड़ी संख्या में लोगों को स्वदेश वापस लाया गया। भारत ने जिन देशों के लिए इन योजनाओं के तहत विमान सेवा शुरू की थी उसमें 24 देश शामिल थे, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, भूटान और फ्रांस भी शामिल थे। एयर बबल समझौते के तहत दो देशों के बीच विशेष विमान चलाए जाते हैं।
हाल ही में डीजीसीए ने कहा था कि सभी हवाई अड्डे के परिचालकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि हवाई अड्डे पर और यात्रा के दौरान लोग कोरोना नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। लोगों ने मास्क सही तरीके से पहना है या नहीं। लोग दो गज की दूरी बनाकर रख रहे हैं या नहीं। इसकी जांच करनी होगी और अगर एयरलाइंस विमान के अंदर नियमों का पालन सुनिश्चित नहीं करा पाती हैं, तो उन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।