यूपी: पूरब के लोग अब दक्षिण की सांस्कृतिक विरासत से होंगे रूबरू, एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत ‘तमिल समागम’ का किया जायेगा आयोजन

वाराणसी: वाराणसी कई धर्म, स्थान एवं पूजन पद्धतियों के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान और संस्थान के लिए जाना जाता है। पूरब के लोग भी अब तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होंगे। इसके लिए भारत सरकार की ओर से एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत ‘तमिल समागम’ का आयोजन किया जाएगा। जहां काशी और तमिल की कला, संस्कृति, विरासत, खानपान से दोनों शहरों के लोग को करीब से जानने का मौका मिलेगा।

बड़ा लालपुर स्थित हस्तकला संकुल में भारत सरकार के संयुक्त सचिव नीता प्रसाद, अपर सचिव विनीत जोशी व भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष चमोक कृष्ण शास्त्री ने जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा संग बैठक की। इस दौरान पर्यटन, संस्कृति विभाग, बीएचयू के कुलपति, विद्वत परिषद सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की।

17 नवंबर से शुरू होने वाले तमिल समागम में विविध आयोजन होंगे। जिसमें तमिल से आए कलाकार यहां के नृत्य, गायन व वादन की प्रस्तुति देंगे। वहीं शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ दोनों शहरों के बीच के शिक्षा व्यवस्था को लेकर कार्यशाला व गोष्ठी में विचारों का आदान प्रदान करेंगे। तमिल समागम के लिए भारत सरकार की ओर से वेबसाइट लांच किया जाएगा। जिस पर लोगों को पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण के बाद स्क्रीनिंग कमेटी लोगों का चयन करेगी। जिसमें 2500 लोगों का चयन होगा।

बैठक में तय किया गया कि 17 नवंबर से आईआरसीटीसी द्वारा तमिलनाडु से 200 से 250 के समूह में दो-दो दिन के अंतराल पर वहां के हर वर्ग के लोगों को लाया जाएगा। जिसे 12 श्रेणियों में बांटते हुए धार्मिक परंपरा व मान्यताओं, संस्कृति व सभ्यता, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट के कारीगर काशी आएंगे। शिक्षा से संबंधित कार्यक्रम बीएचयू में आयोजित होंगे। वहीं चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कार्यक्रम आईएमए, बुनकरों के कार्यक्रम टीएफसी व सांस्कृतिक कार्यक्रम अस्सी स्थित मुरारका में होगा।