सैन्य वार्ता: भारत और चीन के बीच लद्दाख स्थित एलएसी पर पिछले करीब दो साल से तनाव जारी है। दोनों देशों की सेनाओं ने 14वें दौर की बातचीत के लिए 12 जनवरी की तारीख तय कर ली है। भारत और चीन के बीच बुधवार को चल रही 14वें दौर की सैन्य वार्ता के बीच सेना प्रमुख जनरल एम.एम.नरवणे ने आज एक प्रेस वार्ता की। अपनी प्रेस वार्ता के दौरान नरवणे ने देश में सीमा पर मौजूदा स्थिति के बारे में बात की।
उन्होंने कहा कि कोर कमांडर स्तर की 14वीं वार्ता चल रही है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हम इसमें प्रगति देखेंगे। हालांकि आंशिक रूप से डिसइंगेजमेंट हुई है लेकिन खतरा कम नहीं हुआ है। सेना प्रमुख ने कहा कि पिछले साल जनवरी से, हमारी उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर सकारात्मक विकास हुआ है। उत्तरी सीमाओं पर, हमने एक ही समय में बातचीत के माध्यम से उच्चतम स्तर की परिचालन तैयारियों को बनाए रखना जारी रखा है।
सेना प्रमुख ने कहा कि पश्चिमी मोर्चे पर विभिन्न लॉन्च पैड में आतंकवादियों की संख्या में वृद्धि हुई है और बार-बार नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ के प्रयास किए गए हैं। यह एक बार फिर हमारे पश्चिमी पड़ोसी देश के नापाक मंसूबों को उजागर करता है। सेना प्रमुख ने कहा कि चार दिसंबर को नागालैंड के ओटिंग में हुई खेदजनक घटना की गहनता से जांच की जा रही है। हम ऑपरेशन के दौरान भी अपने देशवासियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सेना प्रमुख ने आगे कहा कि बुनियादी ढांचे का विकास समग्र रूप से किया जा रहा है। सड़कों और पुलों का निर्माण हो रहा है। नागरिक के लिए तैयार बुनियादी ढांचे का दोहरा उपयोग हो रहा है। उन्होंने चीन को लेकर कहा कि खतरा अभी कम नहीं हुआ है और हमारी तरफ से सैनिकों का स्तर बढ़ाया गया है।
