वाराणसी: ठंड के दौरान प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ने से सांस और अस्थमा के रोगियों की परेशानी बढ़ जाती है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को भी सांस की तकलीफ हो रही है। हवा में कार्बन, नाइट्रोजन और पीएम 2.5 कणों की मात्रा बढ़ने से फेफड़ों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। वाराणसी में ठंड बढ़ने के साथ ही शहर में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ गई है।
बुधवार को बनारस देश भर के टॉप टेन प्रदूषित शहरों में पांचवें नंबर पर रहा। प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के नौ शहर नानपारा, सीतापुर, घाटमपुर, उन्नाव, वाराणसी, कानपुर, दरौला, मुजफ्फरनगर और अकबरपुर शामिल हैं। आईक्यू एयर की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स 367 दर्ज किया गया।
बुधवार को रात आठ बजे आईक्यूएयर की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार बलभद्र नगर कालोनी का एक्यूआई 456, साकेत नगर कालोनी का 406, रामनगर 403, नाटी इमली रोड का एक्यूआई 332, लंका का एक्यूआई 262, फिश मार्केट में 250, आर्यन अस्पताल में 196 एक्यूआई दर्ज किया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार शहर का एक्यूआई 181 दर्ज किया गया। अर्दली बाजार में पीएम 2.5 की अधिकतम मात्रा 365, भेलूपुर में 361, बीएचयू में 333 और मलदहिया में एक्यूआई 415 दर्ज किया गया। कोहरे के दौरान घर से जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें और बाहर निकलते समय मास्क अवश्य लगाएं।
