भारत सरकार: केंद्र सरकार भारत सहित दुनियाभर में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी को पूरा करने के लिए जल्द ही हील इन इंडिया और हील बाय इंडिया नाम से पहल शुरू करने जा रही है। इसके तहत भारत से डॉक्टर, नर्स और फॉर्मासिस्ट्स सहित सभी स्वास्थ्य कर्मचारी विदेश जाकर प्रैक्टिस कर सकेंगे। इसके लिए सरकार भी पूरी मदद करेगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की ओर से पोर्टल तैयार किया जा रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण का कहना है कि सरकार की स्वास्थ्य योजनाएं अच्छे परिणाम दे रही हैं। बीते सात वर्षों में 209 मेडिकल कॉलेजों को जोड़ा गया है। इसी के कारण एमबीबीएस में 75% पीजी सीटों में 95% फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार का एकमात्र लक्ष्य सेवा है। सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए मोदी सरकार की गई योजनाएं अच्छे परिणाम दे रही हैं। केंद्र की ओर से राज्यों को आर्थिक और तकनीकी तौर पर लगातार सहायता मिल रही है। उन्होंने कहा, मोदी सरकार की हर योजना एवं नीति गरीबों के उत्थान के लिए लक्षित है।
अध्ययन में पता चला है कि अमेरिका जैसे देशों में दंतरोग एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों की कमी है जबकि जर्मनी, अमेरिका, सिंगापुर, नेपाल, क्यूबा और इजरायल नर्सिंग कर्मचारियों की भारी कमी है। वहीं, नीदरलैंड, अमेरिका, सिंगापुर, क्यूबा देशों में फिजियोथैरेपिस्ट और अमेरिका व इजरायल में रेडियोलॉजिस्ट की मांग है। इसी मांग को देखते हुए सरकार आगामी 15 अगस्त को एक पोर्टल लॉन्च कर सकती है। इसमें जो भी स्वास्थ्य कर्मचारी किसी देश में जाकर प्रैक्टिस करना चाहता है तो वह अपनी पूरी जानकारी दे सकता है।
