केंद्र का फैसला: केंद्र सरकार ने गुरुवार को एक आधिकारिक आदेश में बड़ा फैसला लेते हुए प्राकृतिक गैस की कीमत में 62 फीसदी का इजाफा किया है। जानकारी के अनुसार केंद्र ने यह कदम अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ने के बाद उठाया है। जैसा कि प्राकृतिक गैस से उर्वरक का निर्माण होता है, पावर प्लांट संचालित किए जाए हैं और इसे सीएनजी में भी बदला जाता है। इस फैसले के बाद सीएनजी, पीएनजी और उर्वरकों की कीमत में भी तेजी आने के आसार हैं।
प्राकृतिक गैस की कीमतों में अप्रैल 2019 के बाद यह पहली बढ़ोतरी की गई है। ऐसा बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय कीमतों में मजबूती के कारण हुआ है, लेकिन यह बढ़त पिछले कुछ सप्ताह के दौरान देखी गई तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की हाजिर या मौजूदा कीमत में तेजी को नहीं दर्शाती है। सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि इसकी कीमतों में वृद्धि से दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में सीएनजी और पीएनजी (रसोई गैस) की दरों में 10-11 फीसदी की वृद्धि होने की संभावना है।
तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) ने कहा कि राज्य के स्वामित्व वाली तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) को दिए गए क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए भुगतान की दर एक अप्रैल से शुरू छह महीने की अवधि के लिए 2.90 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट होगी।
इससे बिजली उत्पादन की लागत में भी वृद्धि होगी। लेकिन, उपभोक्ताओं पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि प्राकृतिक गैस से बनाई जाने वाली बिजली का हिस्सा बहुत कम है।
