लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंपर्क विभाग के छात्रों ने विशेषज्ञों से संवेदनशील रिपोर्टिंग के तरीके सीखे और फेक न्यूज़ पर विस्तृत चर्चा की। सोमवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग एवं यूनिसेफ के तत्वावधान में एक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों नें रिपोर्टिंग में तथ्यों और आंकड़ों के महत्व को समझा।

लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग, सोशल वर्क विभाग एवं यूनिसेफ की संयुक्त पहल से छात्रों में महिला एवं बाल अधिकार समेत अन्य सामाजिक विषयों की समझ स्थापित करने एवं संवेदनशीलता जगाने के उद्देश्य से कार्यशालाओं की शृंखला आयोजित की जा रही है।

हेल्थ ऐनालेटिक्स एशिया के स्थानीय संपादक श्री वरदराजन अनंथकृष्णन ने फ़ेक न्यूज़ के विषय में चर्चा करते हुए कहा, “जब भी आपको कोरोना से संबन्धित कोई संदिग्ध जानकारी मिले और उसमें कुछ संस्थाओं/सरकार आदि को स्रोत बताया गया हो तो आप उस संस्थान अथवा सरकार की वेबसाइट से पुष्टि अवश्य करें और उसके बाद ही उस जानकारी को आगे साझा करें।”

भारतीय मीडिया पर फ़ेक न्यूज़ के प्रभाव पर चर्चा करते हुए यू ट्यूब एडिटर भारतीय भाषा बीबीसी वर्ल्ड सर्विस की सुश्री सर्वप्रिया सांगवान ने कहा, “ हर जानकारी की एक से आधिक स्रोतों से पुष्टि करना आवश्यक है। ऐसा न करने से कई बार गलत जानकारी जनता के बीच फैलने की संभावना रहती है और इससे पत्रकारों की विश्वसनीयता भी प्रभावित होती है।”

लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंपर्क विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो मुकुल श्रीवास्तव ने कहा, “इन कार्यशालाओं का उद्देश्य छात्रों में विषयों की समझ विकसित करना है। यह कार्यशालायेँ छात्रों को पत्रकार की समाज के प्रति भूमिका समझाने में सहायक होंगी।“

छात्रों ने विशेषज्ञों से चर्चा की एवं मीडिया में कार्य के अनुभव जानें। कार्यशाला का संचालन जीव विज्ञान विभाग की असोसिएट प्रोफ़ेसोर डॉ गीतांजली मिश्रा ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन सोशल वर्क विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो अनूप भारतीय द्वारा किया गया।

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