रूस ने भविष्य की रूपरेखा का मसौदा तैयार कर उसे सार्वजनिक कर दिया है। इस मसौदे के अनुसार चीन के साथ वह विकास और रणनीतिक सहयोग जारी रखेगा, जबकि भारत के साथ उसके विशेष रणनीतिक संबंध रहेंगे। रूस ने यह मसौदा अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के तहत तैयार किया है। इसे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की स्वीकृति मिल चुकी है। पुतिन ने शुक्रवार को इस रणनीति को मंजूरी देते हुए शासनादेश पर दस्तखत किए। शनिवार को एक सरकारी वेबसाइट पर 44 पन्नों का यह दस्तावेज प्रकाशित किया गया। इसमें रूस के राष्ट्रीय हितों एवं प्राथमिकताओं की रूपरेखा तय की गयी है।उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन के सैन्य अभ्यासों में हाल में परमाणु हथियार के इस्तेमाल के विकल्प को शामिल किए जाने से रूस को खतरा बढ़ा है। जाहिर है ऐसा रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए किया गया है। नाटो ने रूस की सीमा तक अपना नेटवर्क तैयार कर लिया है। यूक्रेन के मामले में नाटो सीधा दखल दे रहा है। रूस इस चुनौती को महसूस कर रहा है।