इस साल जुलाई में बच्चों के लिए विज्ञापन नियमों में बदलाव की घोषणा के बावजूद फेसबुक अभी भी बच्चों के व्यक्तिगत डेटा को ट्रैक कर रहा है। हाल ही में अपना नाम बदलकर मेटा कर लेने वाली सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक अपनी विज्ञापन वितरण प्रणाली को बढ़ावा दे रही है। यह एक नए शोध में पता चला है। गैर-लाभकारी संगठन फेयरप्ले, ग्लोबल एक्शन प्लान और रीसेट ऑस्ट्रेलिया की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक फर्क सिर्फ इतना है कि फेसबुक द्वारा बच्चों को निशाना बनाना उच्च प्रशिक्षित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिलीवरी सिस्टम द्वारा अनुकूलित है।

शोधकर्ताओं ने तर्क दिया, एआई का भविष्य कहे जाने वाली शक्ति को देखते हुए यह प्रणाली वास्तव में बच्चों के लिए बदतर हो सकती है। फेसबुक ने 27 जुलाई को इन चिंताओं के बारे में ‘युवा अधिवक्ताओं से सुना’ होने का दावा करते हुए बच्चों के लिए अपने विज्ञापन नियमों में बदलाव की घोषणा की थी। फेसबुक ने कहा, हम उनसे सहमत हैं, यही वजह है कि विज्ञापनदाता युवाओं तक कैसे पहुंच सकते हैं, इस बारे में हम अधिक एहतियाती रुख अपना रहे हैं।

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