प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 26 राज्यों के 111 ट्रेनिंग सेंटरों से कोविड-19 हेल्थकेयर फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए विशेष रूप से तैयार प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस प्रोग्राम के तहत देशभर के एक लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स को कौशल से लैस किया जाएगा और नई चीजें सिखाई जाएंगी. बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई थी. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में करीब 1 लाख फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स तैयार करने का महाअभियान शुरु हो रहा है, कोरोना की दूसरी लहर में हम लोगों ने देखा कि इस वायरस का बार बार बदलता स्वरूप किस तरह की चुनौतियां हमारे सामने ला सकता है, ये वायरस हमारे बीच अभी भी है और इसके म्यूटेड होने की संभावना भी बनी हुई है.

इस कोर्स के तहत 6 भूमिकाओं में दक्षता के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी. ये होंगे होम केयर सपोर्ट, बेसिक केयर सपोर्ट, एडवांस केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट और मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट. इसकी लागत कुल 273 करोड़ रुपये है. हेल्थ सेक्टर में वर्तमान व भविष्य के लिए मानव संसाधन की जरूरतों को पूरा करने के लिए नॉन मेडिकल हेल्थकेयर वर्करों का कौशल विकास करना इस प्रोग्राम का मकसद है.

फ्रंटलाइन वर्कर्स के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत, उम्मीदवारों को निःशुल्क ट्रेनिंग, स्किल इंडिया का सर्टिफिकेट, भोजन व आवास सुविधा, काम पर प्रशिक्षण के साथ स्टाइपेंड एवं प्रमाणित उम्मीदवारों को 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा प्राप्त होगा. पीएम ने कहा कि बीते 7 साल में देश में नए एम्स, नए मेडिकल कॉलेज, नए नर्सिंग कॉलेज के निर्माण पर बल दिया गया है. इनमें से कई ने काम करना भी शुरु कर दिया है. मेडिकल शिक्षा और इससे जुड़े संस्थानों में रिफॉर्म को भी सपोर्ट किया जा रहा है.

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