Elections news

भाजपा पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन से हुए डैमेज को कंट्रोल करने में सफल, प्रत्याशियों का निर्विरोध जीतना तय

कृषि कानूनों के विरोध में हुए किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर पश्चिम क्षेत्र में रहा। यही नहीं, वहां सपा और रालोद का गठजोड़ भी काम किया। नतीजा यह हुआ था कि जिला पंचायत सदस्य के चुनावों में भाजपा को अधिकांश जिलों में करारी शिकस्त मिली थी। इससे विरोधी दलों ने पश्चिम क्षेत्र के जिलों में भाजपा के खिलाफ हवा बनाना शुरू किया। भाजपा जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में पश्चिमी यूपी में मिली शिकस्त से हुए राजनीतिक नुकसान की भरपाई जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से कर ली है। पश्चिम क्षेत्र के 15 में से 6 जिलों में भाजपा के उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय है। उधर, कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में भी 14 जिलों में से चार जिलों में भाजपा के उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचित होना तय है।

कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में भी भाजपा को मिली सफलता

उधर, कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में भी विधानसभा चुनाव से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव तक पार्टी की सफलता का सिलसिला जारी है। इस क्षेत्र की कमान खुद प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने संभाल रखी थी। वहां भी 14 में से झांसी, ललितपुर, चित्रकूट और बांदा जिला पंचायत में भाजपा के उम्मीदवारों का निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बनना तय है।

30 जिलों में  निर्विरोध निर्वाचित कराने का लक्ष्य

भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में नामांकन वापसी के अंतिम दिन 29 जून को प्रदेश की 30 जिला पंचायतों में अपने उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित कराने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में करीब 40 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा का सपा से सीधा मुकाबला है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top