विधवा मामला: राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में पति के जीवित होने के बावजूद महिला को राजस्व विभाग की रिपोर्ट में विधवा दिखाया गया। इस योजना में परिवार के कमाऊ मुखिया की मौत पर 30 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। लखनऊ की तहसील सरोजनीनगर के ग्राम बंथरा और चंद्रावल में वर्ष 2019-20 और 2020-21 में 88 लोगों को योजना का लाभ दिया गया। बंथरा में 21 महिलाओं के पतियों के जीवित होने के बावजूद उन्हें विधवा दिखाते हुए लाभ दे दिया गया। इसके अलावा 8 महिलाओं को नियम विरुद्ध ढंग से लाभ देने के लिए इतना ही नहीं बल्कि उनके पति की मौत की तारीख ही बदल दी गई।
योजना में भुगतान समाज कल्याण विभाग के स्थानीय अधिकारी करते हैं। मगर परिवार के मुखिया की मौत होने पर उसकी तिथि और उम्र प्रमाणित करने का कार्य राजस्व विभाग करता है। इससे संबंधित लेखपाल, कानून और तहसीलदार से इस बात की आख्या मिलने के बाद एसडीएम के डिजिटल साइन से संबंधित पोर्टल पर रिपोर्ट लॉक की जाती है।
अब सवाल ये उठता है कि राजस्व विभाग ने पोर्टल पर फर्जी रिपोर्ट लॉक कैसे की? एक तरफ उधर, कुछ राजस्व कर्मियों का कहना है कि सत्यापन रिपोर्ट में उनके दस्तावेज ही फर्जी हैं।
अभी तक लखनऊ के अलावा चित्रकूट, बलरामपुर, गोरखपुर और कानपुर में भी इस योजना में गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं। इधर, लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने सीडीओ को इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। उनका कहना है कि जिला प्रशासन पूरी पारदर्शिता के साथ एक-एक तथ्य की पड़ताल कराएगा।
