कानपुर: एक्साइज, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने बताया कि यूपी वालों के पास चीनी की कमी नहीं है। अगर एक दाना भी न पैदा हो तो भी प्रदेश में पांच साल का भरपूर स्टाक है। साढ़े चार सालों में यूपी चीनी उत्पादन में महाराष्ट्र से आगे निकल गया है। इस वक्त प्रदेश 23 लाख टन चीनी विदेशों को निर्यात कर रहा है।
नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट में हिस्सा लेने आए अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि इथेनॉल उत्पादन के बाद से किसानों की आय बढ़ी है। अगले साल 168 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन होगा। चीनी का 17 फीसदी उत्पादन घटा कर इथेनॉल बनाया जा रहा है। इथेनॉल पेट्रोल में मिलाया जाएगा। शीरे का भी निर्यात हो रहा है।
कोरोना काल में चीनी मिलों को सैनिटाइजर के रूप में नया उत्पाद मिल गया है। मार्च से लेकर अब तक छह लाख लीटर सैनिटाइजर बनाया गया है। प्रदेश में 92 इंडस्ट्री शक्कर, शीरा, ब्रेसमेट और इथेनॉल पर काम कर रही हैं।
इस वक्त प्रदेश 23 लाख टन चीनी विदेशों को निर्यात कर रहा है। भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना और आबकारी विभाग ने 75 जिलों के अस्पतालों और सीएचसी पर 79 ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगवाए हैं।
