वाराणसी में रोपवे: यूपी के चित्रकूट और मिर्जापुर के बाद अब बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में पर्यटक रोपवे का रोमांचक सफर कर सकेंगे। कैंट से गोदौलिया के बीच यूपी के सबसे बड़े रोपवे का तोहफा जल्द ही वाराणसी को मिलेगा। यातायात की संजीवनी के रूप में तैयार हुई रोपवे परियोजना अब धरातल पर उतरने को तैयार हो गई है। वैपकास कंपनी की ओर से सर्वे रिपोर्ट पूरा कर उसे विकास प्राधिकरण को सौंप दिया गया है।दुनिया भर से बनारस आने वाले सैलानियों को अब कैंट स्टेशन से गिरिजाघर तक के सफर के लिए रोपवे की सुविधा मिलेगी। कैंट स्टेशन से गिरिजाघर तिराहे के बीच प्रत्येक डेढ़ मिनट पर ट्रॉली से यात्री आगे का सफर कर सकेंगे।
इस पूरी परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट वैपकास ने बुधवार को सौंप दी है। विकास प्राधिकरण की ओर से बृहस्पतिवार को रोपवे परियोजना का फाइनल ड्राफ्ट शासन को भेज दिया जाएगा। फिजिबिलिटी रिपोर्ट में कैंट स्टेशन से शुरू होने वाले रोपवे को गिरिजाघर तक ले जाने का प्रस्ताव है और इसमें साजन तिराहे के अलावा रथयात्रा पर यात्री ठहराव होगा। वैपकास की ओर से तैयार रिपोर्ट में कैंट स्टेशन स्थित पं. कमलापति त्रिपाठी इंटर कॉलेज के सामने से रोपवे परियोजना की शुरुआत होगी।
बनारस शहर में करीब 45 मीटर से ऊंचाई से गुजरने वाले रोपवे को साजन तिराहा, सिगरा, रथयात्रा, लक्सा होते हुए गिरिजाघर पर पर पहुंचाया जाएगा। पांच किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर खर्च होने वाले 424 करोड़ रुपये का पूरा खाका भारत सरकार की सहयोगी कंपनी वैपकॉस ने तैयार कर दिया है। मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि वैपकास की फाइनल रिपोर्ट आ गई है और इसे बृहस्पतिवार को शासन को भेजी जाएगी। डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमी की सहमति के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।
