लखनऊ: एक जुलाई से निजी और सीबीएसई स्कूल और खुल गए है, इसे देखते हुए आरटीओ ने बच्चों को लाने व छोड़ने वाले अनफिट स्कूली वाहन (बस, वैन) सीज करने के साथ उस स्कूल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का नोटिस दिया था। हालांकि, स्कूलवालों ने इसे हल्के में लिया है।
डीआईओएस, बीएसए संग स्कूल प्रबंधकों व प्रधानाचार्य की बैठक में डीएम सूर्यपाल गंगवार ने कड़े निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा राजधानी लखनऊ में स्कूली बच्चे ढोने वाले अनफिट वाहनों पर अब धारा 302 व 307 के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से ये निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश मोटर वाहन नियमावली 1988 के मानकों के अनुरूप विद्यालयों को बच्चों को लाने व ले जाने वाले वाहन फिट रखने चाहिए। यदि कोई स्कूल अनफिट वाहनों का इस्तेमाल करते पाया गया तो डीआईओएस और बीएसए के माध्यम से उसकी मान्यता रद्द करने की कार्यवाही की जाएगी। यह भी चेतावनी दी कि जिन स्कूलों ने वाहनों का पंजीकरण नहीं कराया है, वह तीन दिन के अंदर इसे पूरा करवा लें।
बताया कि अनफिट वाहनों से स्कूली बच्चों को लाना-ले जाना पाया जाने पर धारा 302 व 307 के तहत एफआईआर कराई जाएगी। कहा कि स्कूल मालिकों व प्रधानाचार्यों को वाहनों की फिटनेस शत प्रतिशत रखनी होगी। इस दौरान एक निजी स्कूल की बस को पंजीकरण के अभाव में सीज करने के साथ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए।