Health

कानपुर: कानपुर जिले में जीका वायरस का मरीज मिलने के बाद मेरठ में अलर्ट जारी, कोरोना, डेंगू के बाद अब जीका वायरस का खौफ, ये हैं लक्षण

खतरा: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में जीका वायरस का मरीज मिलने के बाद मेरठ में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉ. अशोक तालियान के नेतृत्व में एक टीम आज कानपुर पहुंचकर पड़ताल की।

मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉ. अशोक तालियान का कहना है कि जीका वायरस का संक्रमण भी मच्छरों के जरिए फैलता है। डेंगू, चिकनगुनिया के संवाहक एडीज प्रजाति के मच्छर हैं, जिनके काटने से इन बीमारियों के वायरस शरीर में प्रवेश करके संक्रमण फैलाते हैं। इनमें एडीज एब्लोपिक्टस, एडीज एजेप्टी नामक मच्छर अधिक घातक होते हैं। यह मच्छर जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो मच्छर भी संक्रमित हो जाता है, उसके बाद जिस भी व्यक्ति को काटता है वह संक्रमित हो जाता है।

यह मच्छर दिन के समय काटता है
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि जीका वायरस का संवाहक एडीज एजेप्टी नामक मच्छर होता है। इसका मच्छर भी दिन के समय ही काटता है। यह वायरस गर्भवती एवं सामान्य महिलाओं के लिए अधिक घातक और खतरनाक होता है। संक्रमण होने पर वायरस गर्भ में पल रहे बच्चे के ब्रेन पर सीधे अटैक करता है।

इसके लक्षण तीन से 14 दिन में दिखते हैं 
शरीर में जीका वायरस के प्रवेश करने के तीन से 14 दिन के भीतर लक्षण दिखने लगते हैं। दवाएं खाने से बुखार न उतरे, साथ ही डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया व टायफाइड की जांच में पुष्टि न हो। तो जीका जांच कराए।

जीका के संक्रमण के समान्य लक्षण
– सामान्य से तेज बुखार।
– शरीर में छोटे-छोटे लाल दाने उभर आना।
– आंखों में जलन और लगातार चिपचिपन रहना।
– तेज सिरदर्द के साथ बेचैनी भी होना।
– चलने फिरने में लाचारी आ जाती है।
– मांसपेशियों और जोड़ों में भीषण दर्द व ऐंठन

जीका वायरस का फिलहाल कोई इलाज नहीं है। ऐसे में मच्छरों से बचकर रहना ही प्रमुख उपाय है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top