Culture

कुशीनगर: बौद्ध सर्किट का केंद्र है कुशीनगर, दुनिया तक भारत की सांस्कृतिक गाथा और बौद्ध सर्किट तक पहुंच का बड़ा जरिया

कुशीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का लोकार्पण किया। यूपी में शुरू होने जा रहा कुशीनगर हवाई अड्डा सिर्फ अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी ही नहीं बल्कि दुनिया तक भारत की सांस्कृतिक गाथा और बौद्ध सर्किट तक पहुंच का बड़ा जरिया भी बनने जा रहा है। इससे स्थानीय स्तर पर पर्यटन का विस्तार तो होगा ही, रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बौद्ध धर्मावलंबी और पर्यटक न सिर्फ कुशीनगर कम समय में पहुंचेंगे, बल्कि बौद्ध सर्किट और बौद्ध तीर्थ स्थलाें का दौरा भी आसान होगा।

कुशीनगर बौद्ध सर्किट का केंद्र बिंदु है। यहां से 150 किमी दूरी पर लुंबिनी है, उसी के निकट कपिलवस्तु भी है। लुंबिनी से 82 किलेमीटर दूर ही श्रावस्ती है, तो सारनाथ भी कुशीनगर से 225 किलोमीटर पर है। इस प्रकार बौद्ध सर्किट का महत्वपूर्ण स्थल कुशीनगर है। कुशीनगर और सारनाथ को मिलाकर बौद्ध सर्किट से जुड़े कुल छह स्थान हैं। इनमें कपिलवस्तु, श्रावस्ती, कौशांबी और संकिसा भी शामिल हैं। म्यांमार, बैंकॉक, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका, कोरिया, भूटान, जापान से बड़ी तादाद में आते हैं बौद्ध पर्यटक।

कुशीनगर मल्ल वंश की राजधानी थी। इसका 16 महाजनपदों में शुमार था। चीनी यात्री ह्वेनसांग और फाहियान के यात्रा वृत्तांतों में भी उल्लेख। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, यहां श्रीराम के पुत्र कुश की राजधानी थी, जिसे कुशावती कहते थे।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top