लखनऊ: राजधानी की खूबसूरती बिगाड़े रहे अवैध निर्माण और अनियोजित विकास को रोकने में एलडीए फेल साबित हो रहा था। विभाग की जारी समीक्षा रिपोर्ट में अवैध निर्माणों पर कार्रवाई में असफल 13 विकास प्राधिकरणों की सूची में एलडीए चौथे स्थान पर है। अब राजधानी में अवैध निर्माण की निगरानी के लिए एलडीए सैटेलाइट डाटा का इस्तेमाल करेगा। इसके लिए जहां जीआईएस वन मैप तैयार कराया जा रहा है, वहीं एलडीए की योजनाओं में लैंड ऑडिट का डाटा मिलाकर लगातार उपयोग के लिए कार्ययोजना तैयार होगी।
जीआईएस आधारित महायोजना की बैठक में सचिव पवन गंगवार ने कहा कि 2016 में कराए गए लैंड ऑडिट का उपयोग कर जीआईएस डाटा तैयार किया जाए। इसे योजनाओं में सुपरइंपोज किया जाए। इससे बिना बिकी या कब्जे में बनी संपत्तियों को चिह्नित कर इस्तेमाल करने के लिए जरूरी कार्यवाही हो सकेगी। वहीं, अवैध निर्माणों में भी इस जीआईएस डाटा का उपयोग कर एलडीए कार्यवाही कर सकेगा। सचिव ने निजी एजेंसी को भी महायोजना, सजरा और सैटेलाइट डाटा का उपयोग करते हुए जल्द लैंड चेंज डिटेक्शन सिस्टम तैयार करने को कहा है।
इससे प्राधिकरण क्षेत्र में जमीनों पर किसी भी निर्माण या बदलाव की जानकारी हो जाएगी, जिससे अवैध निर्माणों पर शुरू में ही कार्रवाई संभव होगा। बैठक में मुख्य नगर नियोजक नितिन मित्तल, ओएसडी अमित राठौर, देवांश त्रिवेदी और प्रोग्रामर एनालिस्ट राघवेन्द्र मिश्रा थे। सचिव ने कहा कि प्रवर्तन के कामों में तेजी लाने के लिए जोनल व्यवस्था लागू की गई है। ऐसे में अवैध निर्माणों पर लंबित कार्रवाई जल्द पूरी करें। शमन प्रक्रिया को भी अभियान चलाकर पूरा किया जाए।
