भारत के इतिहास में वैसे तो हर दिन का अपना अलग महत्व है। जिस तरह से 15 अगस्त, 26 जनवरी और 2 अक्टूबर को पूरा देश उल्लास के साथ मनाता है वैसे ही 14 नवंबर का दिन भी खास है। 14 नवंबर का दिन इसलिए खास है क्योंकि यह बच्चों के लिए समर्पित है और इस दिन को बाल दिवस के तौर पर जाना जाता है। लेकिन 1964 से पहले की तस्वीर अलग थी।
संयुक्त राष्ट्र ने 20 नवंबर की तारीख बाल दिवस के तौर पर तय की थी और भारत में भी उसी दिन को बाल दिवस के तौर पर याद किया जाता था। लेकिन 1964 के बाद तस्वीर बदली। नाम तो बाल दिवस ही रहा लेकिन तारीख 20 नवंबर से बदल कर 14 नवंबर हो गई। इस खास दिन पर बच्चों के लिए स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
खास बात यह थी कि पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों कोजिस हद तक बच्चों को पसंद करते थे। उससे कहीं अधिक बच्चे भी उन्हें पसंद करते थे। भारतीय संस्कृति में कहा भी जाता है कि हम जितना सम्मान या प्रेम दूसरे से करते हैं उतना ही सम्मान और प्यार वापस मिलता है और यह बड़ी वजह थी कि बच्चे ‘चाचा नेहरू’ कहकर बुलाया करते थे।
