दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) यहां देश की पहली इंजीनियर लैंडफिल साइट बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। तेहखंड में 24 एकड़ भूमि पर इंजीनियर्ड लैंडफिल साइट बनाई जाएगी। इसे तैयार करने का ठेका करीब 42 करोड़ रुपये में मुंबई की वेस्ट मैनेमेंट कंपनी को दिया गया है। ओखला लैंडफिल साइट पर 2024 से कूड़ा नहीं दिखेगा और न ही आसपास के लोगों को दुर्गंध परेशान करेगी।
इंजीनियर्ड लैंडफिल साइट पर लीचेट संग्रह, आवरणयुक्त डंपिंग और निपटान हो सकेगा। दक्षिणी निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष बीके ओबेराय ने बताया कि मुंबई की जिस कंपनी को ठेका दिया गया है, वह इस महीने के आखिर तक काम शुरू कर देगी। बीके ओबेराय ने बताया कि तेहखंड की 24 एकड़ भूमि के करीब 7 एकड़ में बाथटब जैसा 10 फुट गहरा तालाब बनेगा। इसकी तली में दो परत प्लास्टिक वाटर प्रूफिंग होगी। एक परत मिट्टी का क्ले (कलई) होगा। इसके बाद कंकरीट और सीमेंट की परत होगी। इसके अंदर कचरे का निपटान किया जाएगा।
दक्षिणी निगम के चीफ इंजीनियर पीसी मीणा ने बताया कि इंजीनियर्ड लैंडफिल साइट पर कचरे का निपटान होने से मिट्टी और पानी दोनों दूषित नहीं होंगे। उम्मीद है कि 2024 से पहले ही इसे तैयार कर लिया जाएगा। लैंडफिल साइट की मिट्टी की टेस्टिंग की जा रही है।
एसडीएमसी का लक्ष्य ओखला लैंडफिल साइट को 2023 तक समाप्त करने का था। अभी डंपिंग साइट पर वैज्ञानिक तरीके से अपशिष्ट जमा करने या भूजल को प्रदूषित करने वाले लीचेट को रोकने का कोई कारगर तरीका नहीं है। फिलहाल इसके इलाके में 3600 टन से ज्यादा कचरा रोज उत्पन्न होता है। लैंडफिल साइट के आसपास के इलाके कई साल से वायु और जल प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। इससे उन्हें जल्द निजात मिलेगी।
